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निजी अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटर पर शिकंजा, सीएमओ ने उठाए ठोस कदम

जिला प्रशासन ने अवैध रूप से चलाए जा रहे नर्सिंग होम, पैथोलॅाजी सेंटर पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे राजकीय चिकित्सालयों में ही अपना इलाज करायें.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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Published : Feb 19, 2022, 3:49 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 10:55 PM IST

वाराणसीःजिले में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों की सूची तैयार की गयी है. डीएम के निर्देश पर इस सूची को पोर्टल पर भी अपलोड करने की तैयारी है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे राजकीय चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों में ही अपना उपचार करायें ताकि उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके.


उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी बगैर पंजीकरण वाले चिकित्सा संस्थान में उपचार करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाही की जाएगी. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संदीप चौधरी ने बताया कि योग्य चिकित्सकों और पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों की सूची तैयार की गई है. इस सूची को varanasi.nic.in पोर्टल पर भी अपलोड किया जा रहा है. इसमें पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों का पूरा विवरण उनके क्षेत्र व नाम के साथ देखा जा सकता है.

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उन्होंने बताया कि जिले में कुल 563 चिकित्सा संस्थान पंजीकृत है. इनमें शहरी क्षेत्र में 414 और ग्रामीण क्षेत्र में 159 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल है. पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में कल्सनटेशन चैम्बर 27, डे-केयर-1, डेंटल यूनिट-6, डायग्नोस्टिक क्लीनिक-17, आई केयर सेंटर-2, फर्टीलिटी बैंक-1, हॅास्पिटल-240, आईवीएफ सेंटर- 1, मैटरनिटी होम-12, मेडिकल क्लीनिक-98, मदर एवं चाइल्ड हास्पिटल-1, नर्सिंग होम-42, पैथालॉजी लैब-85, पॅालीक्लीनिक-1, प्रैक्टीसिंग मेडिसिन एण्ड आफरिंग मेडिकल एण्ड हेल्थ केयर सर्विस-2, प्रैक्टीसिंग मेडिसिन-1 व प्राइवेट प्रैक्टीशनर-24 है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था है. इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों में ही जाना चाहिए. चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति किसी अपंजीकृत चिकित्सा संस्थान में अपना इलाज कराता है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा.

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Last Updated : Feb 19, 2022, 10:55 PM IST

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