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Gyanvapi ASI Survey की रिपोर्ट कोर्ट में नहीं हुई सबमिट, एएसआई के अतिरिक्त समय की मांग पर फैसला कल

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे (Gyanvapi ASI Survey) में कई खंडित प्रतिमाएं, कलश, मंदिर की शिखरनुमा आकृति मिली हैं. सर्वे के आधार पर तैयार रिपोर्ट को एएसआई को कोर्ट में दाखिल करना है. इसके लिए एएसआई ने अतिरिक्त समय मांगा है. कोर्ट ने इस पर फैसला सुरक्षित रखते हुए शनिवार 18 नवंबर की तारीख दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 17, 2023, 12:42 PM IST

Updated : Nov 17, 2023, 6:28 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की रिपोर्ट शुक्रवार को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को कोर्ट को सौंपनी थी. लेकिन, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से नियुक्त किए गए वकील ने रिपोर्ट सबमिट करने के लिए कोर्ट से 15 दिन का और समय मांगा है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट में कुछ तकनीकी रूप से चीजों में हुए अपडेट की वजह से इसे दाखिल करने के लिए वक्त मांगा है.

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से कोर्ट में एप्लीकेशन दे दी गई है. जिला जज इस मामले में सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया और शनिवार की तारीख तय की है. माना जा रहा है कि शनिवार को कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है. कोर्ट अब इस पर निर्णय लेगा कि एक बार फिर से समय दिया जाना चाहिए या नहीं. क्योंकि, लगभग 100 दिन तक चल सर्वे के बाद 300 से ज्यादा साक्ष्य इकट्ठा करके इसे जिला अधिकारी वाराणसी की निगरानी में सील बंद कमरे में रखवाया गया है.

एएसआई टीम ने मांगा 15 दिन का और समयःआर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से स्टैंडिंग गवर्नमेंट काउंसिल के वकील अमित श्रीवास्तव ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर 15 दिन का समय रिपोर्ट सबमिट करने के लिए मांगा है. अमित श्रीवास्तव का कहना है कि सर्वे टीम के अधिकारियों ने रिपोर्ट पूरी तरह से तैयार न होने की वजह से समय लिए जाने का आग्रह किया था. जिस पर आज 15 दिन के अतिरिक्त समय की मांग न्यायालय में की गई है.

ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कब पूरा हुआःज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का काम दो नवंबर को ही पूरा कर लिया गया है. इसके बाद रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट ने 17 नवंबर तक का वक्त दिया था. एएसआई ने लगभग 400 पन्नों रिपोर्ट तैयार की है, जिसे कोर्ट में दाखिल किया जाएगा. चार सौ पन्नों की इस रिपोर्ट में 21 जुलाई के आदेश के बाद चार अगस्त से शुरू हुए सर्वे में मिली एक-एक जानकारी को समाहित किया गया है.

ज्ञानवापी परिसर का सर्वे क्यों बीच में रोकना पड़ा थाःआर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 21 जुलाई को वाराणसी के जिला जज न्यायालय से मिले आदेश के बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू की थी. हालांकि, मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से बीच में इसे रोकना भी पड़ा था. फिर हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू हुई और वहां से सर्वे के आदेश हुए. इसके बाद चार अगस्त से यह सर्वे लगातार जारी रहा. इसमें ज्ञानवापी के गुंबद से लेकर परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने, मुस्लिम पक्ष के तहखाने और अन्य हिस्सों की जांच एएसआई की टीम ने की.

एएसआई ने पहले भी मांगा था समयःवैज्ञानिक रिपोर्ट जमा करने के लिए एएसआई की टीम को पहले चार सितंबर तक का वक्त दिया गया था, लेकिन कोर्ट से उन्होंने अतिरिक्त समय मांगा और कोर्ट ने छह सितंबर को इसमें अतिरिक्त वक्त देते हुए रिपोर्ट 17 नवंबर को दाखिल करने का आदेश दिया था. लेकिन, शुक्रवार को भी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट नहीं हो पाई और एएसआई ने इसके लिए अतिरिक्त समय मांगा है.

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Last Updated : Nov 17, 2023, 6:28 PM IST

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