उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

Modi in Varanashi Live: जानिए आखिर दिव्य काशी का विश्वनाथ कॉरीडोर क्या है... 241 साल में तीसरी बार पुनरुद्धार

By

Published : Dec 13, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 4:06 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर का उद्घाटन कर देश को समर्पित कर दिया. 241 साल में मंदिर का यह तीसरा पुनरुद्धार है. चलिए जानते हैं आखिर यह प्रोजेक्ट क्या है.

Modi in Varanashi Live
Modi in Varanashi Live

वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर का कॉरीडोर का उद्घाटन (Kashi Vishwanath Dham Corridor Inauguration) किया. यह बीजेपी सरकार की देश के किसी भी धार्मिक स्थल की सबसे बड़ी पुनरुद्धार योजना है. चलिए जानते हैं दिव्य काशी को भव्य बनाने वाला यह प्रोजेक्ट आखिर है क्या, इसका बजट कितना है और इसकी क्या खासियतें हैं.

इस तरह हुई शुरुआत

पीएम नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च 2019 को इस कॉरीडोर का शिलान्यास किया था. 400 मीटर लंबे इस कॉरीडोर पर करीब 600 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.

काशी विश्वनाथ मंदिर के क्षेत्र समेत कुल 39 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में कॉरिडोर का निर्माण हुआ है. यह कॉरिडोर गंगा के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर से सीधे जुड़ा है. मंदिर परिसर का दायरा 5 लाख 27 हजार 730 वर्ग फीट तक बढ़ाया गया है.

संकरी गलियों से होकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचने वाले भक्तों को इस कॉरीडोर से चंद मिनटों में बाबा के दर्शन की सुविधा मिलेगी. गंगा स्नान करने के बाद भक्त ललिता घाट से सीधे काशी विश्वनाथ के श्रीचरणों को नमन करने पहुंच जाएंगे.

दिव्य काशी का विश्वनाथ कॉरीडोर.

खास बातें

  • काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर में 60 प्राचीन मंदिर संरक्षित रखे गए हैं.
  • इसके निर्माण के लिए 360 भवन हटाए गए हैं.
  • 1400 लोगों को पुनर्वासित करना पड़ा
  • इसमें मंदिर के चारों तरफ एक परिक्रमा मार्ग, गंगा घाट से मंदिर में प्रवेश करने पर बड़ा गेट, मंदिर चौक, 24 बिल्डिंग जिनमें गेस्ट हाउस, 3 यात्री सुविधा केन्द, पर्यटक सुविधा केन्द्र, स्टॉल, पुजारियों के रहने के लिए आवास, आश्रम, वैदिक केन्द्र, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, मुमुक्ष भवन आदि शामिल हैं.
  • इस कॉरिडोर का निर्माण लाल पत्‍थर से हो रहा है.
  • कॉरिडोर से सीधे मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट और जलासेन घाट से काशी विश्‍वनाथ मंदिर पहुंच सकेंगे.
  • दिव्यांगों, वृद्धों के लिए रैंप और एस्केलेटर की सुविधा भी दी गई है.
दिव्य काशी का विश्वनाथ कॉरीडोर.

तीसरी बार संवर रहा बाबा विश्वनाथ का दरबार

अगर इतिहास की बात की जाए तो बाबा विश्वनाथ के मंदिर का तीसरी बार पुनरुद्धार हो रहा है. सन् 1780 में मंदिर का जीर्णोद्धार महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने कराया था. इसके बाद सन् 1853 में महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिर के शिखर समेत अन्य स्थानों पर स्वर्ण जड़वाया था. वर्ष 2019 में पीएम मोदी के प्रयास से इस मंदिर के लिए भव्य कॉरीडोर का निर्माण कराया गया. इस लिहाज से 241 वर्षों में तीसरी बार मंदिर का पुनरुद्धार हो रहा है.

दिव्य काशी का विश्वनाथ कॉरीडोर.

कौन थीं अहित्याबाई होल्कर

अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725 - 13 अगस्त 1795) मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खण्डेराव की धर्मपत्नी थीं. उन्होने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया. जब औरंगजेब ने आक्रमण कर काशी विश्वनाथ मंदिर को क्षति पहुंचाई तो उन्होंने ही सबसे पहले इस मंदिर के पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया था.

दिव्य काशी का विश्वनाथ मंदिर.

कॉरीडोर की विशेषताएं

काशी विश्वनाथ कॉरीडोर को दो भागों में बांटा गया है. मंदिर के मुख्य परिसर को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इनमें चार बड़े भव्य गेट बनाए गए हैं. इसके चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ बना है. इस प्रदक्षिणा पथ पर 22 संगमरमर के शिलालेख लगाए गए हैं, इनमें आद्य शंकराचार्य की स्तुतियां, अन्नपूर्णा स्त्रोत, काशी विश्वानाथ की स्तुतियां और भगवान शंकर से जुड़ी महत्वपूर्ण धार्मिक जानकारियों का उल्लेख किया गया है.

मंदिर के द्वार की दूसरी तरफ 24 भवनों का एक बड़ा कैम्पस बन रहा है जिसका मुख्य दरवाजा गंगा की तरफ ललिता घाट में होगा. यहां वाराणसी गैलरी भी है. यहा वाराणसी की प्राचीन मूर्तियों और पुरात्तव धरोहरों को सहेजा गया है. मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी गैलरी, जलपान के मल्टीपरपज हॉल, यात्री सुविधा केंद्र, इत्यादि यहां के आकर्षण के केंद्र होंगे. इसके साथ ही गंगा स्थित गंगा व्यू कैफे, गंगा व्यू गैलरी बनाई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी काशी, क्रूज पर सवार होकर पीएम ने किया घाटों का निरीक्षण

दो साल, आठ माह में तैयार हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनरुद्धार के लिए 8 मार्च 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया था. लगभग 2 साल 8 महीने में इस ड्रीम प्रोजेक्ट का 95% कार्य पूरा कर लिया गया है. वर्तमान समय में इस कॉरिडोर में 2600 मजदूर और 300 इंजीनियर लगातार तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः पीएम मोदी ने किया श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण, बोले- काशी के कोतवाल को नवाता हूं शीश

प्राचीन मंदिरों की मणिमाला भी

काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों की एक खास मणिमाला तैयार की गई है. ये वे मंदिर हैं, जिनमें कुछ काशी विश्वनाथ के साथ ही स्थापित किए गए थे और बाकी समय-समय पर काशीपुराधिपति के विग्रहों के रूप में यहा बनाए गए थे. गंगा स्नान के बाद भक्त इन्हीं मंदिरों के दर्शन करते हुए काशी विश्वनाथ को नमन करने पहुंचेंगे. दूसरे चरण में 97 विग्रह व प्रतिमाओं की स्थापना होगी. तीसरे चरण में 145 शिवलिंगों को स्थापित किया जाएगा.

1000 साल पहले जैसी बनावट

मंदिर के पुनर्निर्माण में पत्थर वैसे ही लगाए जा रहे हैं जैसे 1000 साल पहले लगते थे. यह एक तरह से भारत की प्राचीन स्थापत्य कला का भव्य उदाहरण भी होगा. इन पत्थरों पर की जाने वाली नक्काशी भी बेहद खास है. मंदिर कॉरीडोर का निर्माण प्राचीन शैली के अनुरूप ही हो रहा है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Dec 13, 2021, 4:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details