वाराणसी: दिवाली का त्योहार सुख-समृद्धि को बढ़ाने वाला रोगियों को दूर करने वाला त्योहार है. इस पर्व पर धनतेरस का भी अपना अलग महत्व है. कहते हैं कि धनतेरस पर्व पर मां अन्नपूर्णा के दर्शन करने के साथ-साथ भगवान धन्वन्तरि की भी पूजा की जाती है. आप सभी जानते हैं कि काशी में मां अन्नपूर्णा का विशाल मंदिर है. इसके साथ-साथ धन्वन्तरि भगवान का भी मंदिर स्थापित है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि काशी में धन्वन्तरि कूप भी विराजमान है, जिसके जल के सेवन से मनुष्य के सभी रोग दूर हो जाते हैं.
कूप के आठ घाट के जल का अलग है ठाट
पंडित विजय कुमार पांडेय बताते हैं कि अवंतपुरी स्थित इस कूप के 8 घाट हैं और प्रत्येक घाट के पानी का स्वाद आज भी अलग-अलग है. मंदिर में आने वाला भक्त इस कुएं का पानी जरूर पीता है. कहते हैं कि उस कुएं में औषधि होने से यह जल अमृत के समान है और बीमारियों को दूर करता है. उन्होंने बताया कि कूप को लेकर एक और खास मान्यता है. कहते हैं कि जब उज्जैन में कुंभ लगता है और जो व्यक्ति वहां नहीं जा पाता, वह इस कुएं के पानी से नहाने के पश्चात मंदिर में स्थित महाकालेश्वर का पूजन करता है. उसे भी वही फल मिलता है जो महाकुंभ में स्नान करने पर मिलता है. आज भी यह मान्यता विराजमान है.