वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर बतौर मुख्य अतिथि आरके साइकोथेरेपी, नागपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. वहीं जाने माने साइबर मनोविज्ञानी डॉ. राकेश कृपलानी कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे. जबकि क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एवं साइबर साइकोलॉजी कोच प्रशस्ति पांडे ने कार्यक्रम का संचालन किया.
साइबर मनोविज्ञान के अध्ययन पर ध्यान देने की आवश्यकताः प्रो. राकेश भटनागर - वाराणसी खबर
आरके साइकोथेरेपी, नागपुर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने साइबर मनोविज्ञान पर अपने विचार रखे. वहीं कार्यक्रम का संचालन क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट एवं साइबर साइकोलॉजी कोच प्रशस्ति पांडे ने किया.
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कार्यक्रम में साइबर मनोविज्ञान के विभिन्न आयामों एवं करियर संभावनाओं पर विचार विमर्श हुआ. साइबर अपराधों व इससे जुड़ी समस्याओं में हो रहे इजाफे के मद्देनजर इनके कारणों, असर एवं प्रबंधन के लिए प्रभावी रणनीति अपनाने के लिहाज से साइबर मनोविज्ञान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत महसूस की जाने लगी है.
बीएचयू कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कहा है कि साइबर मनोविज्ञान एक ऐसा क्षेत्र है, जो मानव एवं प्रौद्योगिकी के मौजूदा एवं उभरते इंटरफेस के फायदों, नुकसान एवं प्रयोग को बेहतर ढंग से समझने के लिए महत्वपूर्ण आधार उपलब्ध कराता है. साइबर मनोविज्ञान पर एक कार्यशाला को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रो. भटनागर ने कहा कि नई तकनीकें और माध्यम हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं. ऐसे में हम उनसे किस प्रकार प्रभावित होते हैं या उनसे कैसे अनुभव हासिल करते हैं, ये काफी रुचि के विषय हैं, जिन पर बेहतर समझ साइबर मनोविज्ञान अध्ययन से हासिल की जा सकती है.