वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने में गंदगी और नेताओं की बयानबाजी को लेकर एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में शनिवार को भी आदेश (verdict over vuzukhana gyanvapi masjid case) नहीं आया था. कोर्ट ने आदेश के लिए 17 अक्तूबर की तिथि नियत की है. प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है कि नमाजियों के वुजूखाने में हाथ-पैर धोने से गंदगी फैलती है जबकि वह स्थान हमारे आराध्य भगवान शिव का स्थान है. यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है.
वहीं, एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है. वादी ने इन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है. पिछले दिनों इस अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया है. शनिवार को आदेश आने की संभावना थी.
गौरतलब हो कि वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी केस को लेकर वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को इस साल की शुरुआत में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एक सर्वेक्षण के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की याचिका खारिज कर दी थी. जिला सरकारी वकील (सिविल) महेंद्र प्रसाद ने कहाकि अदालत 'शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग के लिए निर्देश देने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था.
हिंदू याचिकाकर्ताओं की कार्बन डेटिंग याचिका पर आपत्ति जताने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अखलाक अहमद ने कहा कि जिला न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने 17 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के मद्देनजर याचिका को खारिज कर दिया था. वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट ने उस क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए जहां मस्जिद क्षेत्र के एक वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान एक शिवलिंग पाए जाने का दावा (gyanvapi mosque case latest news) किया गया था.
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