वाराणसी: सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में वेद विज्ञान व्याख्यानमाला के अन्तर्गत 'वैदिक यज्ञ-विज्ञान एवं वैज्ञानिक सिद्धांतों के उत्स' विषय विज्ञान व्यख्यानमाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी वक्ताओं ने अपने विचार रखें. प्रारम्भ में डॉ. विजय कुमार शर्मा ने मंगलाचरण किया. इस दौरान वेद विभाग के अध्यक्ष प्रो. महेंद्र नाथ पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
कार्यक्रम के आरंभ में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आचार्य युगल किशोर मिश्र ने कहा कि भारतीय वैदिक सिद्धांतों की जिस ज्ञान गंगा को भारतीय ऋषियों-महर्षियों ने हजारों साल पहले प्रवाहमान किया. प्रकृति के उन रहस्यों की व्याख्या करने में आज का आधुनिक विज्ञान अभी भी मूक है. उन्होंने कहा कि हमारे पुराणों में जो सृष्टि का क्रम बतलाया गया है, वहीं क्रम स्वीकार करता है. सृष्टि में सर्व प्रथम ब्रह्मलोक की रचना हुई, उसके बाद ब्रह्मांड में सृष्टि हुई और उसके बाद पृथ्वी पर वृक्ष आदि उत्पन्न हुए. इसके पश्चात सरीसृप वर्ग उसके बाद पशु वर्ग तदनंतर पक्षी गण की सृष्टि हुई. सबसे अंत में मनुष्य की रचना हुई.