हराभरा होगा वाराणसी में वरुणा कॉरिडोर वाराणसी:वाराणसी के विकास का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन 6 साल पहले जिस विकास की रूपरेखा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बनारस में खींची थी, उस पूरे प्रोजेक्ट को बीजेपी की गवर्नमेंट आने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लगभग 6 साल पहले बनारस में गोमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर वरुणा कॉरिडोर के निर्माण की रूपरेखा तैयार की थी. वरुणा के दोनों छोर पर शानदार पाथवे बैठने की व्यवस्था और ग्रीनरी बढ़ाकर लोगों को स्वास्थ्य वर्धक पौधों की मौजूदगी में बेहतर माहौल देने का जो प्लान था, वह कहीं ना कहीं से पीछे छूट गया था.
अब योगी सरकार वाराणसी में वरुणा कॉरिडोर (Varuna Corridor in Varanasi) के प्लान को मूर्त रूप देने जा रही है. इसे लेकर सबसे पहले इस एरिया के ग्रीन बेल्ट को डिवेलप करने का प्लान तैयार किया गया है. इसके लिए बाकायदा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट इस एरिया का सर्वे करवा चुका है. अब यहां पर उन पौधों पर काम किया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी में होते हुए भी पनप पाते हैं कुल मिलाकर पूरे एरिया को ग्रीन बेल्ट में डेवलप कर अच्छे माहौल के साथ इसके सुंदरता को बढ़ाने का प्रयास से शुरू होने जा रहा है.
दरअसल अखिलेश यादव ने वाराणसी में वरुणा कॉरिडोर को एक टूरिस्ट पॉइंट ऑफ व्यू से तैयार करने का प्लान बनवाया था. इसे लेकर काम तेजी से शुरू भी हुआ, लेकिन 5 साल के कार्यकाल में काम खत्म नहीं हो पाया और सरकार बदल गई. सरकार बदलते ही कॉरिडोर का सपना भी टूट गया. योगी सरकार के आने के बाद अब तक मुख्यमंत्री योगी एक भी बार इस एरिया में निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचे.
हालांकि प्लान कई बार तैयार किए गए, लेकिन उसको मूर्त रूप नहीं दिया जा सका लेकिन अब शहर की सुंदरता और ग्रीनरी को बढ़ाने के उद्देश्य से वरुणा कॉरिडोर के दोनों छोर पर ग्रीन बेल्ट बनाने का प्लान फिर से बाहर निकाला गया है. यह पुराना प्लान ठंडे बस्ते में था, लेकिन एक बार फिर से डीएफओ इसकी प्लानिंग कर रहे हैं.
इस बारे में डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर संजीव कुमार सिंह का कहना है कि कॉरीडोर के दोनों छोर पर ग्रीनरी बढ़ाने के साथ ही पूरे एरिया को ग्रीन बेल्ट के रूप में डेवलप करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए इस पूरे क्षेत्र में उन पेड़ पौधों को लगाया जाएगा, जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगाए जाते हैं.
पानी भरे होने के बाद भी यह पेड़ पौधे खराब नहीं होंगे इसमें अर्जुन पाकड़ जामुन समेत कई अन्य तरह के वृक्ष होंगे इन पौधों को लगाकर इनका सीजन करने के साथ ही इनकी देखरेख भी की जाएगी और पूरे एरिया को ग्रीन बेल्ट के रूप में डिवेलप किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा आसपास के क्षेत्र के लोगों के साथ यहां आने वाले लोगों को भी मिलेगा. स्वास्थ्यवर्धक माहौल तैयार करके वरुणा कॉरिडोर की शक्ल को बदलने का काम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट करेगा.
कॉरिडोर प्लान एक नजर में
- कॉरिडोर 201.65 करोड़ रुपए की लागत से 10.3 किमी लंबा तैयार हुआ है.
- 5 दिसम्बर 2017 में ही इसे पूरा होना था.
- गोमती रीवर फ्रंट की तरह वरुणा कॉरिडोर को तैयार करना था.
- 10.3 किमी कॉरिडोर में 4 नए घाट बनने हैं.
- 125 करोड़ रुपए रिलीज से वरुणा में ड्रेजिंग, कंस्ट्रंक्शन, रेलिंग, चौड़ीकरण का काम हुआ है.
- नदी के दोनों तरफ लंबा प्लेटफॉर्म तैयार करके यहां लोगों के बैठने की व्यवस्था और झूले इत्यादि लगाए जाने हैं.
- दोनों तरफ पाथ-वे और लाइटिंग होगी.
- पूरे वरुणा कॉरिडोर में ग्रीन बेल्ट तैयार होगी और वहां प्रभावित क्षेत्रों में लगाए जाने वाले पौधों को यहां पर लगाया जाएगा ताकि बाढ़ आने पर भी यह सुरक्षित रहें.
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