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जानिए... हाथरस कांड पर क्या है काशी की महिलाओं राय

हाथरस कांड के बाद लोगों में काफी आक्रोश है. लेकिन इन सबके बीच यह सवाल अहम है कि क्या ऐसी निर्मम अपराध के बाद ही आक्रोश दिखना चाहिए. इस पर ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी की महिलाओं से बात की. इस दौरान महिलाओं ने कहा कि सिर्फ दुष्कर्म ही अपराध नहीं है, बल्कि महिलाओं पर होने वाले कई छोटे-छोटे अपराध ऐसे हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है.

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देखिए स्पेशल रिपोर्ट.

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Published : Oct 6, 2020, 6:03 PM IST

वाराणसी: हाथरस में बेटी के साथ हुई दरिंदगी से पूरा देश स्तब्ध है. हर तरफ विरोध हो रहे हैं और लोग अपना गुस्सा निकालने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. उधर, इस मुद्दे पर राजनीति भी जमकर हो रही है. लेकिन इन सबके बीच यह सवाल अहम है कि क्या खाली महिलाओं के साथ होने वाली ऐसी घटनाओं के बाद ही आक्रोश दिखना चाहिए? क्या सिर्फ रेप जैसी घटनाएं ही महिलाओं के लिए अपराध हैं, अपरहण, स्नेचिंग, महिला उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना जैसे कृत्य अपराध नहीं है? इन्हीं सवालों का जवाब ईटीवी भारत ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की तमाम महिलाओं से जानने की कोशिश की.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट.
इन सवालों के जवाब पर प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र की महिलाओं छात्राओं का साफ तौर पर कहना था कि अपराध, अपराध होता है. चाहे वह छोटा हो या बड़ा. महिला उत्पीड़न, दहेज उत्पीड़न और घरों में महिलाओं के साथ होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते. रेप जैसे मामले दरिंदगी को बयां करते हैं, लेकिन तमाम छोटे-छोटे अपराध इस बड़े अपराध को जन्म देते हैं. महिलाओं के साथ होने वाली चैन स्नेचिंग की घटनाएं हो या अपहरण की घटनाएं या कहीं न कहीं बलात्कार जैसी घटनाओं को बल देती हैं. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि महिलाओं के साथ होने वाले छोटे अपराधों को नजरअंदाज न किया जाए. इन पर भी आवाज उठाई जानी चाहिए. इस पर छात्रा पूजा सरोज का कहना है कि यदि छोटे-छोटे अपराधों को लेकर यदि पहले से ही लोग सचेत रहेंगे और इस पर अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे, तो ऐसी स्थिति आएगी ही नहीं. वहीं कई महिलाओं का कहना था कि आज के बदलते परिवेश भी ऐसी घटनाओं के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार हैं. पहले के वक्त में जिस तरह से ब्रह्मचर्य का पालन कर तमाम चीजों को व्यवस्थित किया जाता था. वहीं आज शिक्षा का स्तर भी काफी आगे जा चुका है एवं शिक्षा जैसी चीजें आज समाज को दूसरी तरफ ले जा रहे हैं.

वहीं इस मामले पर शिक्षिका नंदिता शास्त्री का कहना है कि अपराध चाहे बड़ा हो या छोटा वह अपराध होता है. रेप एक जघन्य अपराध है और इसके आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. महिलाओं का स्थान भारत और हमारी संस्कृति में देवी के रूप में है, जिसे पूजा जाता है. इसलिए अपराध चाहे छोटा हो या बड़ा उसको कहीं से सही नहीं ठहराया जा सकता. सजा मिलनी चाहिए चाहे अपराधी जितना बड़ा क्यों न हो और महिलाओं के साथ छोटे अपराधों को करने वालों को भी तत्काल सजा दी जानी चाहिए, ताकि वह समय रहते चेत जाएं और आगे आने वाली पीढ़ियां इन चीजों को न दोहराएं.

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