वाराणसी : समय से पहले ही इस बार मौसम में परिवर्तन हो गया है और अभी से ही तेज गर्मी पड़ने लगी है. गर्मी के कारण लोगों को लू व तापघात जैसी अन्य तमाम तरीके की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में वाराणसी स्वास्थ्य विभाग में गर्मी बढ़ते ही लू प्रकोप व तापघात से बचाव के लिए हेल्थ एड्वाइजरी जारी की है. स्वास्थ विभाग के द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि इस मौसम में बच्चों से लेकर वृद्धजन को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, मतली और उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती है. इससे बचाव के लिए प्राथमिक उपचार बेहद जरूरी है.
Varanasi News : लू और तापघात को न करें नजरअंदाज, हो सकता है जानलेवा अस्पतालोंं में 10 बेड आरक्षित : सीएमओ ने बताया कि लू से जन-हानि भी हो सकती है. इसके लिए सभी जिला स्तरीय चिकित्सालयों में 10-10 बेड एवं सीएचसी पर दो से पांच बेड आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए कई सावधानियां बताई गईं हैं.
Varanasi News : लू और तापघात को न करें नजरअंदाज, हो सकता है जानलेवा. इन बातों का रखें विशेष ध्यान : कड़ी धूप में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक के बीच में. जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें. हल्के रंग के ढीले- ढीले सूती कपड़े पहनें. धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें. सफर में अपने साथ पानी रखें. शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं. अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें. घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम पना इत्यादि का सेवन करें. अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करें. रात में खिड़किया खुली रखें. ढीले कपड़े का उपयोग करें. ठंडे पानी से बार-बार नहाएं. अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें.
क्या करें-क्या न करें :धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं वृद्धजनों को न छोड़े. खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे. नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें. उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें. बासी भोजन न करें. खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें. ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके. उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैं. काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए. स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें. आपत स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें. जहां तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें. संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें. घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें.
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