वाराणसी : UPSTF की वाराणसी इकाई और झारखंड पुलिस टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर हत्या मामले में आरोपी मुन्ना बजरंगी गैंग के 2 शातिर अपराधियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. दोनों आरोपियों पर 22 सितंबर 2021 को ढाबा पालू थाना ओरमांझी जनपद रांची, झारखंड अन्तर्गत बीजेपी नेता जीतराम मुण्डा की गोलीमार हत्या करने का आरोप है. एसटीएफ ने वाराणसी के कैण्ट थाना क्षेत्र के मिंट हॉउस इलाके से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. वहीं, अभियुक्तों के पास से घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद की गयी है.
दरअसल, प्रदेश में सक्रिय संगठित अपराधिक गैंगों एवं अपराधियों के उन्मूलन के सम्बन्ध में अपर पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, द्वारा एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों/टीमों को प्रभावी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है. इसी दौरान झारखण्ड पुलिस द्वारा अवगत कराया गया कि रांची झारखण्ड में हुई बीजेपी नेता जीतराम मुण्डा की हत्या के सम्बन्ध में थाना ओरमांझी जनपद रांची झारखण्ड पर पंजीकृत मुकदमा में वांछित अभियुक्त अजीत प्रताप सिंह उर्फ लल्लन सिंह व राजीव कुमार सिंह के जनपद वाराणसी व जनपद जौनपुर में होने की सम्भावना है.
इस संबंध में थाना ओरमांझी की पुलिस टीम द्वारा एसटीएफ की वाराणसी इकाई से आवश्यक सहयोग मांगा गयाा था. इस सम्बन्ध में STF के वाराणसी इकाई के निरीक्षक पुनीत परिहार व निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ वाराणसी इकाई की टीम व झारखण्ड पुलिस टीम द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर बुधवार को उक्त अभियुक्तगण अजीत प्रताप सिंह उर्फ लल्लन सिंह निवासी ग्राम काजीहद, थाना नेवढ़िया, जनपद जौनपुर व राजीव कुमार सिंह निवासी खुनसापुर, थाना बक्शा, जनपद जौनपुर को मिन्ट हाउस तिराहा थाना कैण्ट जनपद वाराणसी के पास से गिरफ्तार कर लिया गया.
यूपी एसटीएफ के अनुसार, मुन्ना बजरंगी गैंग के भाड़े के हत्यारे अमन सिंह पुत्र उदयभान सिंह नि. जगदीशपुर काड़ीपुर थाना राजेसुल्तान जनपद अम्बेडकर नगर जो कि धनबाद (झारखण्ड) की बहुचर्चित नीरज सिंह हत्याकाण्ड में बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार में निरूद्ध है, के द्वारा जीतराम मुण्डा की हत्या मनोज मुण्डा से 05 लाख रूपये की सुपारी लेकर अलीशेर उर्फ बाबूसाहब उर्फ बूढा पुत्र मकबूल नि0 बैरिडीह थाना देवगांव आजमगढ़ और हेमन्त यादव उर्फ डब्लू पुत्र हंसलाल यादव नि0 भुजाडी थाना खानपुर गाजीपुर से कराया गया था. दिनांक 25-10-2021 को एस0टी0एफ0 उ0प्र0 से हुई मुठभेड़ में अलीशेर अपने एक अन्य साथी कामरान के साथ मारा गया था. वहीं, गिरफ्तार दोनों अभियुक्त अजीत सिंह उर्फ लल्लन सिंह व राजीव सिंह के द्वारा ही मध्यस्थता कर अलीशेर को अपने यहां शरण देते हुए झारखण्ड पहुंचाने में सहयोग प्रदान किया गया था.
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गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में यह भी बताया कि दोनों आपस में ममेरे भाई हैं और मुन्ना बजरंगी से इनका सम्बन्ध बहुत पुराना था. अजीत के पिता गजराज सिंह द्वारा मुन्ना बजरंगी को अपराध के शुरूआती दिनों में काफी सहयोग किया गया था और अपने यहां शरण दिया गया था. गजराज सिंह का कैलाश दूबे से चुनावी रंजिश था. इसके कारण गजराज सिंह द्वारा कैलाश दूबे की हत्या मुन्ना बजरंगी से करा दिया गया था.
इस मुकदमें में मुन्ना बजरंगी, गुड्डू यादव, राजेश दूबे, गजराज सिंह व विजय प्रताप सिंह उर्फ आलम सिंह अभियुक्त बने थे. गजराज सिंह की मृत्यु व आलम के जेल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी गैंग से जुडे तमाम लोग इनके सम्पर्क में आ गये और इनके द्वारा शरण पाने लगे. इसी दौरान इनका सम्पर्क अमन सिंह से हो गया. ये लोग मुन्ना बजरंगी गैंग के शुटरों के साथ-साथ अमन सिंह के शूटरों को भी अपने यहां पनाह देने लगे. तथा अमन सिंह और उसके गैंग के माध्यम से ये लोग धनबाद झारखण्ड में अपना कोयले का कारोबार चलाना चाह रहे थे. वहीं गिरफ्तार अभियुक्तों को झारखण्ड पुलिस द्वारा थाना कैण्ट वाराणसी में दाखिल कर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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