ऑटो चालकों के लिए चलाए जाने वाले वर्कशॉप के बारे मे जानकारी देते पर्यटन उप निदेशक आरके तिवारी. वाराणसीःकाशी में अब ऑटो चालकों की क्लास लगाई जाएगी. ये क्लास कोई और नहीं बल्कि पर्यटन विभाग लगाएगा. वाराणसी में पर्यटन विभाग अब न सिर्फ पर्यटन की व्यवस्था देखेगा, बल्कि टूरिस्ट्स की सुरक्षा का भी ध्यान रखेगा. वाराणसी में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए विभाग ने ये फैसला लिया है. दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि पर्यटक ठगी का शिकार हो जाते हैं या फिर वे शहर में भटक जाते हैं. ऐसे में यहां के ऑटो चालकों को काशी आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इसके लिए उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा.
कोरोना काल के बाद से वाराणसी में बढ़े पर्यटकःकोविड के बाद से काशी के टूरिस्ट सेक्टर में बूम आया है. श्री काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद से यहां पर पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसे में यहां पर व्यापार के साथ ही ऑटो-रिक्शा वालों का भी काम-धंधा चल पड़ा है. मगर, क्षेत्र के बारे में पर्यटकों को जानकारी न होने के कारण उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है. सहीं जानकारी न होने से पर्यटक ठगी का शिकार भी हो जाते हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग इन चालकों को ट्रेनिंग देने जा रहा है. इसमें उन्हें पर्यटकों से अच्छा व्यवहार और गाइड का तरीका सिखाया जाएगा.
वाराणसी में पहले से 10 गुना बढ़े पर्यटकःपर्यटन उप निदेशक आरके रावत ने बताया, 'वाराणसी पूरे विश्व में अपनी पहचान बना चुका है. वाराणसी में आने वाले पर्यटकों की संख्या पहले से बहुत ज्यादा है. पिछले साल से अगर हम तुलना करें तो करीब 10 गुना अधिक टूरिस्ट वाराणसी आ रहे हैं. इसमें घरेलू और विदेशी पर्यटक दोनों शामिल हैं. इस दौरान एक चीज ये महसूस की जा रही है कि जो पर्यटक आ रहे हैं, उनको जो लोकल टैक्सी मिलती है, उनके ड्राइवर्स को हम ट्रेंनिंग देना चाहते हैं. यह विभाग की तरफ से किया जाएगा. इन टैक्सी ड्राइवर्स को पर्यटन के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. कैसे अतिथियों का स्वागत किया जाए. इस विषय में भी हम एक कोर्स कराना चाहते हैं.'
ऑटो-रिक्शा ड्राइवर्स के लिए होगा वर्कशॉपःपर्यटन उप निदेशक ने बताया कि इन लोगों को यह भी सिखाया जाएगा कि ये ऑटो-टैक्सी ड्राइवर्स किस तरह से पर्यटकों से पेश आएं, पर्यटकों से गाइड के तौर पर कैसे पेश आएं, उन्हें पर्यटन के विषय में जानकारी दी जाएगी. इसी क्रम में एक वर्कशॉप कराने की तैयारी हो रही है. जल्द से जल्द इसे शुरु करने की कोशिश है. टूरिस्ट की आवश्यकता को देखते हुए हम करीब 150 से 200 के ड्राइवर्स को इसमें शामिल किया जाएगा. उन्हें एक से दो दिवसीय कोर्स तैयार कर ट्रेनिंग दी जाएगी.
पर्यटकों को वाराणसी में मिलेगा अच्छा अनुभवःपर्यटन उप निदेशक के अनुसार, ऐसा करने से वाराणसी आने वाले पर्यटकों का लगाव वाराणसी से बना रहेगा. इसके साथ ही उन्हें एक अच्छा अनुभव भी मिलेगा. टूरिस्ट जब वाराणसी उतरता है, तो यहां के होटल्स के बारे में जानना चाहता है. यहां की जगहों के बारे में जानना चाहता है, मंदिरों के खुलने का समय क्या है, लाइटनिंग एंड साउंड की टाइमिंग क्या है, इन सब के बारे में वह जानना चाहता है. सामान्य तौर पर टूरिस्ट वाराणसी में ट्रेन से आते हैं. उसकी पहली मुलाकात ऑटो-रिक्शा वालों से ही होती है. ऐसे में जब इन लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी, तो उनकी पर्यटकों के प्रति सोच भी बदलेगी.
बदलेगा टैक्सी चालकों का व्यवहारःउन्होंने बताया कि इसको लेकर विभाग की तरफ से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसे अगले महीने शुरू किया जा सकता है. पर्यटन विभाग ने इस तरह की ट्रेनिंग से यहां के ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालकों का व्यवहार पर्यटकों के प्रति बदलेगा. इसके साथ ही पर्यटकों को वाराणसी आने के बाद गाइड के तौर टैक्सी चालक मिल जाएंगे, जो वाराणसी की सड़कों पर ऑटो-टैक्सी चलाते रहते हैं. ऑटो-टैक्सी चालकों को ये सिखाया जाएगा कि वाराणसी में कौन सी जगहें हैं, जहां पर टूरिस्ट जा सकते हैं. इसके साथ ही पर्यटकों के साथ उन्हें किस तरह से पेश आना है. ऑटो चालकों को काशी की मेहमाननवाजी का तरीका सिखाया जाएगा.
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