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सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देने वाले अंतरराज्यीय गैंग के सरगना समेत दो गिरफ्तार

वाराणसी में सेना में भर्ती के नाम पर अंतरराज्यीय जालसाज गिरोह ( inter state fraudster) के सरगना को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से रेलवे के 5 फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किए गए हैं.

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एसटीएफ ने सेना में नौकरी दिलाने वाले अंतरराज्यीय सरगना समेत दो गिरफ्तार

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Published : Sep 21, 2022, 9:11 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 10:44 PM IST

वाराणसी:जनपद मेंसेना में भर्ती के नाम पर नव युवकों को ठगा जा रहा है. इस मामले में अंतरराज्यीय जालसाज गिरोह के सरगना और उसके गुर्गे को एसटीएफ ने वाराणसी के छावनी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों को कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया गया है.

बता दें कि सेना में भर्ती के नाम पर नव युवकों वाराणसी के नव युवकों को ठगा जा रहा था. इस मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) को मिलिट्री इंटेलिजेंस (military intelligence) से सूचना मिली की सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर एक गिरोह बेरोजगार युवकों को ठग रहा है. इसके बाद एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद सिंह (Additional SP Vinod Singh) ने बताया कि इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर गिरोह की धरपकड़ का टॉस्क दिया गया.

इसके बाद सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से सूचना एकत्र की गई. जिसमें सामने आया कि आर्मी में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का सरगना अमित कुमार चौधरी अपने कुछ साथियों के साथ छावनी क्षेत्र के डाक बंगले में मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, पंजाब और महाराष्ट्र के लड़कों को बुलाया है.

आरोपियों अमित ने नव युवकों को बताया कि मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (military engineering service) की परीक्षा होनी है. सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अनिल ने अपनी टीम के साथ अमित और उसके गुर्गे सचिन को छावनी क्षेत्र से ही दबोच लिया. गिरफ्तार किए गए जालसाजों की शिनाख्त झारखंड के रांची स्थित कोकर निवासी अमित कुमार चौधरी और न्यू हैदर बली रोड बजरंग नगर के सचिन कुमार पांडेय के तौर पर हुई है. दोनों के पास से रेलवे के 5 फर्जी नियुक्ति पत्र, चार मोबाइल, 7000 रुपए और स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की गई है. एसटीएफ ने दोनों आरोपियों को कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया.


पूछताछ में अमित ने बताया कि उसका अंतरराज्यीय गिरोह है. छावनी क्षेत्र स्थित डाक बंगले में कमरा बुक करा कर वह विभिन्न राज्यों के लड़कों को मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में भर्ती के नाम पर बुलाया था. उसने सभी का फिंगर प्रिंट लिया था. इसके बाद कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल से मेडिकल कराकर फर्जी ज्वानिंग लेटर थमाया था. इस काम के लिए एडवांस में वह पहले एक से दो लाख रुपए ले लेता था. मेडिकल कराने के बाद चार लाख रुपए फिर ले लेता था. आरोपियों ने बताया कि उसके गैंग का सदस्य राकेश कुमार बिष्ट एमईएस की फर्जी आईडी दिखाकर लडकों को फंसाकर लाता है.


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डाक बंगला छावनी क्षेत्र में होने के कारण लड़के उसे मिलिट्री का ऑफिस समझ कर विश्वास भी कर लेते थे. एडिशनल एसपी विनोद सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के अलावा गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के संबंध में जांच की जा रही है.

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Last Updated : Sep 21, 2022, 10:44 PM IST

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