वाराणसी:काशी के पर्यटन स्थल सारनाथ की तस्वीर अब बदलने जा रही है. इस बदलती तस्वीर से न सिर्फ सारनाथ आने वाले पर्यटकों को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि लोगों को रोजगार भी मिलेगा. जी हां सारनाथ पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटकों को जलभराव और गंदगी का सामना करना पड़ता था. इसके लिए वीडीए ने पर्यटन विभाग संग मिलकर प्रो पुअर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिससे यहां सीवरेज और बिजली का कार्य कराया जा रहा है. इसके साथ ही हेरिटेज थीम के जरिए यहां अनेक विकास कार्य किए जा रहे हैं.
कहते हैं कि किसी पर्यटक स्थल के विकास से उस शहर के स्थानीय लोगों के जीवन में भी सुधार आता है और इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए वाराणसी के सारनाथ में इस प्रो पुअर प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है. इसके तहत बुद्ध के उपदेश की प्रथम स्थली सारनाथ के आसपास के अद्भुत विकास के खाके को तैयार किया गया है. इसका बड़ा उद्देश्य यहां ज्यादा से ज्यादा पर्यटक को आकर्षित करने के साथ ही आसपास रहने वाले लोगों की आय व रोजगार में वृद्धि करना है.
बताते चले कि भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ की विश्व के धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर विशेष पहचान है. यह भूमि बौद्ध भिक्षुओं की तीर्थ स्थल मानी जाती है और विश्व भर में हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं. ऐसे में पर्यटकों को और लुभाने के लिए और उन्हें सारनाथ के एक नए आयाम का दीदार कराने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. क्योंकि, अमूमन सारनाथ में धमेख व चौखंडी स्तूप के आसपास पानी जमा होने की समस्या रही है, जिससे न सिर्फ पर्यटकों को यहां आने में दिक्कत होती थी, बल्कि स्थानीय भी इस दर्द को झेलने को मजबूर होते थे. इन्हीं सब समस्याओं को दूर करने के लिए नई योजना की शुरुआत की गई. इसके तहत पूरे एरिया में सीवरेज, ड्रेनेज और जो बिजली के तार को अंडरग्राउंड कर नए तरीके के ट्रांसफार्मर को लगाना है.
72 करोड़ की परियोजना से बदल रही सारनाथ की तस्वीर
इस बारे में वीडीए उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने बताया कि काशी में सारनाथ के नए स्वरूप के लिए प्रो पुअर प्रोजेक्ट के तहत इस परियोजना को तैयार किया जा रहा है. इसकी लागत 72 करोड़ 67 लाख रुपये है. इसके लिए वर्ल्ड बैंक फंडिंग कर रहा है. यह परियोजना अगस्त इस वर्ष तक पूरी हो जाएगी. अभी तक लगभग 20 फीसदी काम पूरा हो गया है.