वाराणसी:पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक ऐसा अस्पताल है जहां पर मरीज इस खौफ से आता ही नहीं कि अस्पताल की जर्जर छतें उसकी जान के लिये खतरनाक साबित न हो जायें. राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर से लेकर मेडिकल स्टाफ तक अपनी जान दांव पर लगाकर ही नौकरी करते हैं.
अस्पताल पूरी तरह से हुआ जर्जर-
इस जर्जर और डरावने अस्पताल में मजबूरी में नौकरी करने पर मजबूर अस्पताल के स्टाफ का कहना है हर रोज लगभग 60 से 70 मरीज अभी भी आ रहे हैं. 25 बेड का हॉस्पिटल अब सिर्फ ओपीडी तक ही सीमित रह गया है. सुबह 7 बजे आने वाले डॉक्टर दो 2 बजने का इंतजार करते हैं ताकि वह जल्द से जल्द इस डरावने और कभी भी गिरने वाले अस्पताल से निकलकर सकुशल अपने घर पहुंच सकें.
हालात ये हैं कि हर रोज अस्पताल के ऊपरी मंजिल की छत कहीं ना कहीं से टूट कर गिर रही है. लकड़ी की मोटी मोटी धरन पूरी तरह से क्रेक हो गई है जो कभी भी पूरी छत को लेकर नीचे आ सकती हैं. इस अस्पताल में स्टाफ की भी कमी है जो शेष स्टाफ हैं वो अपनी सकुशल होने की प्रार्थना के साथ यहां नौकरी कर रहे हैं.