वाराणसी: जिले के बेहद ही गरीब परिवार की बेटी पूजा वर्मा ने अपने सपने को सच करने के लिए कड़ी मेहनत की. इसी मेहनत की वजह से पूजा ने नोएडा स्टेडियम शूटिंग रेंज में आयोजित 43वीं यूपी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने यह स्थान 50 मीटर राइफल प्रोन शूटिंग अंतरराष्ट्रीय मानक 609.8 के साथ प्राप्त किया है. इसके साथ ही वह यूपी की महिला निशानेबाजों में 610 पॉइंट के साथ प्रदेश की नंबर 1 निशानेबाज बन गई हैं.
पूरे मोहल्ले में मना जश्न
पूजा ने 4 मार्च को नोएडा में कंपटीशन में तीन गोल्ड मेडल जीते हैं. इसकी सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल था. पूजा मेडल जीतने के बाद मोहल्ले में पहुंचीं तो लोगों ने ढोल नगाड़े के साथ माला पहना कर उनका स्वागत किया. सभी ने मिठाई खिलाई और उन्हें बधाई दी. सभी ने पूजा की मेहनत और उसके हौसले को सलाम किया.
मां घरों में बनाती हैं खाना
पूजा की मां सावित्री ने कहा कि हम भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि सब की बेटियां इसी तरह आगे बढ़ें. मुझे बेटी ने फोन करके इसकी सूचना दी थी. उस समय हम नौकरी कर रहे थे. पिछले 17 सालों से हम घरों में जाकर खाना बनाते हैं. हम लोगों के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन हम लोग कभी पीछे नहीं हटे. हमारी बेटी परिश्रमी रही है. हमारी बेटी पूजा लोगों को स्कूटी सिखाती है. घर-घर जाकर मेहंदी लगाती है.
नंदलाल मौर्या ने बताया कि मुझे बहुत ही खुशी है कि मेरी बेटी ने अपनी मेहनत से ये मुकाम हासिल किया है. हमारे पड़ोसी ने आकर मुझे यह जानकारी दी. भगवान इसी तरह हमारी बेटी को आगे बढ़ाएं. वो आगे चलकर देश का नाम रोशन करें. हम ड्राइवर हैं ड्राइवरी का काम करते हैं. हमें जो मेहनत का पैसा मिलता है उसी से घर चलता है.
खूब करती है मेहनत
विपल्व गोस्वामी ने बताया कि 2017 से मैं पूजा को जानता हूं. हर प्रकार से गुरु अपने शिष्य का अच्छा भविष्य चाहता है. पूजा ने दो बार इंडिया टीम का ट्रायल भी दिया है. जब स्टूडेंट गोल्ड लाता है तो गुरु को बहुत खुशी होती है. जब पूजा ने मेडल पहना तो मैं स्टेडियम से बाहर चला गया. मेरी आंखें पूरी तरह नम थीं. एक कोच को अपने शिष्य के सामने नहीं रोना चाहिए, लेकिन यह मेरे लिए बहुत ही गर्व का पल रहा. पूजा दिन में 4 घंटे से ज्यादा मेहनत करती हैं. टूर्नामेंट के समय तो 8 घंटे मेहनत करती हैं.
गोली खरीदने का भी नहीं रहता था पैसा
विपल्व गोस्वामी ने बताया कि शूटिंग के लिए हमारे पास गोली खरीदने के लिए भी पैसा नहीं रहता. जहां पर 5 राउंड फायरिंग करनी होती थी, वहां पर हम लोग एक ही राउंड फायरिंग करते थे. घंटों तक फायरिंग की पोजीशन पर लेट कर और बैठ कर प्रैक्टिस करते थे. ये केवल इसलिए करते थे कि हाथ न हिले और एक सिचुएशन बना रहे. हम लोग ड्राइव होल्डिंग करते थे. एक हफ्ते प्रैक्टिस की जाती है. उसके बाद एक दिन गोली चलाते हैं. कम खर्चे और ज्यादा मेहनत से पूजा को यह मुकाम मिला है.
200 लोगों ने लिया था भाग
पूजा वर्मा ने बताया कि नोएडा में 43वीं यूपी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप 50 मीटर राइफल में मैंने हिस्सा लिया था. इसमें मुझे गोल्ड मिला है. इसमें लगभग 200 लोग पूरे उत्तर प्रदेश से शामिल हुए थे. इसमें मेरा पहला स्थान रहा.
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