उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

प्रतिबंध के बावजूद हुई आतिशबाजी, वायु प्रदूषण बढ़ा

यूपी के वाराणसी में एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद शनिवार को खूब आतिशबाजी की गई, जिसके चलते जनपद का प्रदूषण स्तर बढ़ गया. लोगों का कहना है कि प्रशासन एनजीटी के आदेश को लागू कराने में विफल रहा. जनपद में प्रदूषण बढ़ने से एक्यूआई 297 के करीब पहुंच गया. हालांकि दोपहर के समय प्रदूषण स्तर थोड़ा कम दिखा.

वाराणसी में बढ़ा प्रदूषण.
वाराणसी में बढ़ा प्रदूषण.

By

Published : Nov 15, 2020, 3:28 PM IST

वाराणसीः उतर प्रदेश के 13 जिलों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिवाली पर आतिशबाजी करने पर पूर्णतयः प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें वाराणसी भी शामिल था. परन्तु प्रतिबंध के बावजूद भी शहर में लोगों ने देर रात तक जमकर आतिशबाजी की. जिसके कारण सुबह 6 बजे तक एक्यूआई 297 के करीब पहुंच गया था. हालांकि रविवार दोपहर दो बजे तक यह घटकर 202 से 228 के बीच तक रहा. हवा की गुणवत्ता खराब होने से लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है. वायु प्रदूषण को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी में लोगों से बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया ली.

जनपद में एक्यूआई पहुंचा 297.

सांस लेने में हो रही है काफी दिक्कत
बातचीत में ज्योति ने बताया कि पटाखे जलने से शोर-शराबे के साथ-साथ बुजुर्गों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है. उससे निकलने वाले धुएं के कारण पर्यायवरण और खराब हो गया है. जिसकी वजह से हम लोगों को परेशानियां हो रही हैं. उसमें आंखों में जलन सबसे ज्यादा हो रही है.

प्रतिबन्ध लगाने में प्रशासन रहा फेल
वहीं नीलेश का कहना है कि सरकार ने भले ही पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया हो लेकिन लोकल प्रशासन वास्तविकता के स्तर पर उसको प्रतिबंधित नहीं करा सका और वाराणसी की हवा जहरीली हो गई. प्रशासन को एनजीटी के निर्देशों का ठीक से पालन कराना चाहिए था.

प्रदूषण बढ़ने से आंखों में हो रही जलन
मेहरतुल ने बताया कि प्रदुषण बढ़ने से उनकी आंखों में जलन हो रही है. उन्होंने बताया कि जो लोग दमा व हार्ट के मरीज हैं उनको और भी ज्यादा दिक्कत हो रही है. यदि पटाखे नहीं जले होते तो हमारा पर्यावरण थोड़ा संरक्षित रहता. हमारे बुजुर्गों और हम सभी को इतनी दिक्कत भी न हो रहीं होती.

ABOUT THE AUTHOR

...view details