वाराणसी: योगी सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काफी सजग रहती है. राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त न करने का दावा भी करती है. इसी कड़ी में वाराणसी फुलवरिया फोरलेन के निर्माण में हुई अनियमितता के बाद अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में करीब 7 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बातें सामने आ रही हैं. इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर अब विशेष ऑडिट कराए जाने की तैयारी की जा रही है.
गौरतलब है कि बीते दिनों फुलवरिया फोरलेन वरुणा पुल एप्रोच मार्ग की सड़क धंसने के बाद काफी हड़कंप मच गया था. निर्माण कार्य के दौरान हुए धांधली को लेकर इस पूरे प्रकरण में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर की तरफ से कार्रवाई के आदेश दिए गए. इस दौरा राजकीय सेतु निगम के कई अधिकारियों और इंजीनियर्स पर गाज गिरी थी. इस मामले में सेतु निगम के पूर्व उप परियोजना प्रबंधक सूरज गर्ग, सहायक अभियंता ज्ञानेंद्र वर्मा और अवर अभियंता राजेश कुमार को दोषी पाया गया था.
प्राथमिक जांच में दोषी मिलने के बाद सेतु निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने आजमगढ़ के मुख्य परियोजना प्रबंधक संतराज को जांच अधिकारी नामित किया था. साथ ही तीनों आरोपितों को आरोप पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया था. सरकार तीनों आरोपितो पर पहले ही एक्शन ले चुकी है, लेकिन अब, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है परत दर परत चीजें खुलती जा रही हैं.