वाराणसी : सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में योग की शिक्षा बहुत पहले से दी जाती है. वर्ष 1972 से अब तक भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के आवास में लगातार शिक्षा दी जा रही है. मंगलवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हृदयस्थल मालवीय भवन स्थित योग साधना केन्द्र में पन्चदश दिवसीय सूर्यनमस्कार कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक केन्द्र, वाराणसी के निदेशक प्रो. प्रेमनारायण सिंह रहे.
Varanasi News : बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के मालवीय भवन में विशेषज्ञों ने बताया योग का महत्व
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में योग की शिक्षा के महत्व पर कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया. इस दौरान ख्य अतिथि अन्तर विश्वविद्यालय अध्यापक केन्द्र, वाराणसी के निदेशक प्रो. प्रेमनारायण सिंह समेत कई वक्ताओं ने योग की महत्ता पर विचार रखे.
इस अवसर प्रो. प्रेमनारायण सिंह अष्टांगयोग के महत्त्व पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि योगासन शरीर संवर्धन हेतु अत्यन्त उपयोगी है. इस दौरान उन्होंने वज्रासन के महत्व की जानकारी साझा की. कार्यक्रम की अध्यक्षता मालवीय भवन के निदेशक तथा समन्वयक योग साधना केन्द्र, प्रो. राजाराम शुक्ल ने की. उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि योग साधना मनुष्य मात्र के लिए उपयोगी सिद्ध हो रही है. योग साधना केन्द्र में प्रमाणपत्र एवं डिप्लोमा दो पाठयक्रम चलाए जाते हैं. इनका उद्देश्य है कि यहां से प्रामाणिक योग के अभ्यासी तैयार हैं. देशभर में यहां के विद्यार्थी अपना केन्द्र-चला रहे हैं. मालवीय भवन से गुणवत्ता तथा शास्त्रीय विधि से ज्ञान को प्रदान करना इस केन्द्र का मुख्य उद्देश्य है जो देशभर में चल रही अनेक प्रकार की भ्रान्तियों का निवारण कर सके.
इसके पश्चात् योग साधना केन्द्र के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक डॉ. योगेश कुमार भट्ट ने सूर्यनमस्कार के मन्त्रों सहित उनके सहायक अंगों का अभ्यास कराकर अन्त में ध्यानयोग का अभ्यास कराया. धन्यवाद ज्ञापन सह मानित निदेशक प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी जी ने किया. उन्होंने बताया कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है. कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगेश कुमार भट्ट ने किया. इस कार्यक्रम में डॉ. राधेश्याम तिवारी, डॉ. दिनेश जोशी आदि उपस्थित थे.
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