वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भूकंप वैज्ञानिक की मौत के बाद अब उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है. पीएम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मौत का कारण ब्रेन हेमरेज बीपी हाई होने के कारण उनके दिमाग की नसें फट गई थीं. जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद अब उनके परिजन उनके शव को ले करके अपने गृह जनपद हरियाणा करनाल के लिए रवाना हो गए हैं.
Varanasi News : ब्रेन हेमरेज से हुई थी BHU वैज्ञानिक डॉ. रोहतास की मौत, पीएम रिपोर्ट से हुई पुष्टि - Death of BHU seismologist Dr Rohtas
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भूकंप वैज्ञानिक डॉ. रोहतास की मौत ब्रेन हेमरेज बीपी हाई होने के कारण हुई थी. बता दें, डॉ. रोहतास का शव बीएचयू के टीचर्स फ्लैट के कमरा नंबर 80 में मिला था.
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बता दें, दो दिन पहले डॉ. रोहतास का शव बीएचयू के टीचर फ्लैट के कमरा नंबर 80 से बरामद हुआ था. डॉ. रोहतास भूकंप वैज्ञानिक थे. यह मूलतः करनाल के निवासी थे. वे बीएचयू में टीचर्स फ्लैट के कमरा नंबर 80 में अकेले रहते थे. बीते गुरुवार को उनके फ्लैट से उनका शव बरामद हुआ था. जिसके बाद पूरे परिसर में हड़कंप मच गया था. इस दौरान आननफानन जब उनको सर सुंदरलाल अस्पताल में ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था.
इधर, डाॅ. रोहतास की मौत की सूचना जब उनको परिजनों को दी गई तो पत्नी मीनू और उनके छोटे भाई शिशुपाल अन्य परिजनों के साथ बीएचयू पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. जहां पति का शव देख मीनू बेसुध हो गईं. रोती बिलखती मीनू को वहां मौजूद लोगों ने मीनू को ढाढस बंधाया. मीनू का कहना था कि अभी हमारी गृहस्थी शुरू भी नहीं हुई थी. डॉ. रोहतास की शादी लगभग ढाई साल पहले 2020 में हुई थी, अभी दोनों निःसन्तान संतान थे.
BHU से ही कि थी PHD :डॉ. रोहतास ने 2011 से 14 तक BHU से पीएचडी की थे. उसके बाद 2013 से 16 तक वह आईआईटी रुड़की में रिसर्चर रहे. पुनः 2016 में वह बीएचयू फिजिक्स डिपार्टमेंट में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त हुए थे. जहां वह वर्तमान समय में भूकंप गतिविधियों पर अध्ययन कर रहे थे.
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