वाराणसी : बनारस कचहरी को संदहां स्थानांतरित करने के खिलाफ अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अधिवक्ताओं कचहरी परिसर में मंगलवार को दूसरे दिन भी शासन, प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और न्यायिक कार्य से विरत रहे. इस दौरान वकीलों ने शासन व प्रशासन पर जमकर निशाना साधा.
बता दें, अधिवक्ताओं को समाचार पत्रों के जरिए डीएम के हवाले से प्रकाशित खबर से सोमवार को पता चला था कि कचहरी संदहां स्थानांतरित होगी. इसके लिए जमीन के अधिग्रहण आदि की तैयारी हो रही है. बस इसके बाद अधिवक्ता भड़क गए. सोमवार को अधिवक्ताओं ने डीएम पोर्टिको में विरोध प्रदर्शन कर हड़ताल की घोषणा कर दी. इसके बाद दूसरे दिन मंगलवार को भी जुलूस निकाल कर शासन व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
बनारस बार एसोसिएशन के सभागार में हुई सभा में वरिष्ठ अधिवक्ता दानबहादुर सिंह, मंगेश दुबे, पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय, विनोद शुक्ला, अनिल पाठक, हरिश्चंद्र मौर्या आदि वक्ताओं ने शासन व प्रशासन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कि कचहरी शहर के मध्य में रहनी चाहिए. कचहरी संदहां ले जाने के बजाय कचहरी के पास बनारस क्लब और अन्य जमीनें अधिग्रहित की जाएं और कचहरी का यही विस्तार हो. सारी सुविधाएं यहीं मुहैया कराई जाएं.
वाराणसी कचहरी स्थानांतरित करने के खिलाफ अधिवक्ता लामबंद, बढ़ रहा आक्रोश
बनारस कचहरी स्थानांतरित करने को लेकर अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अधिवक्ताओं ने मंगलवार को भी कचेहरी परिसर और डीएम पोर्टिको में विरोध प्रदर्शन करने के बाद हड़ताल की घोषणा कर दी है.
वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने इससे पहले जौनपुर सीमा पर स्थित निबाह में कचहरी स्थानांतरित करने की योजना बनाई थी. तब भी कड़ा विरोध हुआ और सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था. अब फिर वकीलों को साजिश के तहत शहर से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. सेंट्रल बार एसोसिएशन एवं बनारस बार एसोसिएशन वाराणसी के सदस्य अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि कचहरी अधिवक्ताओं की है और बिना अधिवक्ताओं से राय मशविरा किए कचहरी का स्थानांतरण एकदम उचित नहीं है. सरकार व प्रशासन को पहले इन मुद्दों पर अधिवक्ताओं से विचार-विमर्श करना चाहिए. इसके बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो अधिवक्ता सड़क पर उतरने को बाध्य होगा.
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