वाराणसी: कहते हैं कुत्ता सबसे वफादार जानवर होता है. इसीलिए लगभग हर घर में पालतू कुत्ता दिखाई देता है. लेकिन, इन पालतू कुत्तों के कारण कुछ ऐसी घटनाएं सामने आती है जो सभी को चौंका देती है. जैसे लखनऊ में पालतू कुत्ते के अटैक से महिला की मौत हो गई. वहीं, गाजियाबाद में खूंखार पालतू कुत्ते ने कई लोगों को काटा. ऐसी की कई घटनाएं आए दिन सामने आती रहती है.
लोग पालतू कुत्तों को पालने के जो नियम और कानून है उसके प्रति लोग बिल्कुल सजग नहीं है. जिसकी वजह से वाराणसी में पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन(pet dog registration in varanasi) को लेकर बहुत ही सुस्ती दिखाई दे रही है. विभाग के आंकड़ों पर यदि गौर करें तो अलग-अलग कुल 90 वार्ड में लगभग 442 पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को ही पूरा किया जा सका है. जबकि बनारस शहर में पालतू कुत्तों की संख्या हजारों में है. लेकिन, अब अगर आपने भी कोई टॉमी या जैकी पाल रखा है. तो उसके रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को नगर निगम में पहुंचकर पूरा करवा लें, नहीं तो नगर निगम इन्हें कांजी हाउस भेज देगा.
कुत्तों का कराएं रजिस्ट्रेशन इस बारे में नगर आयुक्त प्रणव सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन(pet dog registration) को लेकर शहर में लोग लापरवाह बने हुए हैं. कई बार चेतावनी के बाद भी लोग इस और आगे नहीं आ रहे हैं, जबकि इसके लिए एक नॉमिनल शुल्क का भुगतान ही करना होता है. सनगर निगम में एक पालतू कुत्ते के रजिस्ट्रेशन के लिए 207 रुपये लगते हैं और रेबीज इंजेक्शन के लिए लगभग 100 रुपये अलग से जमा किए जाते हैं. इस रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के साथ वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी भी नगर निगम की होती है और पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में इसे पूरा कराया जाता है. हर वर्ष पालतू कुत्ते को रेबीज का इंजेक्शन दिया जाना बेहद आवश्यक होता है. लेकिन, लोग इसमें भी लापरवाही करते हैं. यही वजह है कि नगर निगम अब इसे लेकर अभियान शुरू कर चुका है. जो भी लोगों ने कुत्ते पाल रखे हैं, उनके घरों को जोनल अधिकारियों और नगर निगम कर्मियों की मदद से को चिन्हित किया जाएगा. कंप्लेंट करने के लिए भी सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर पर फोन नंबर 054227205 या फिर टोल फ्री नंबर 1533 पर कॉल किया जा सकता है. यदि कोई बिना रजिस्ट्रेशन किए कुत्ता पाला है तो नगर निगम के अधिनियम के तहत जुर्माने के अलावा एफआईआर की कार्यवाही भी की जाएगी. इसलिए ऐसे लोग जो बिना रजिस्ट्रेशन के अपने पालतू कुत्तों को रखे हैं वह चेत जाएं, नहीं तो कार्रवाई के साथ उनके पालतू कुत्ते को नगर निगम अपने कब्जे में लेकर कांजी हाउस भिजवा देगा. नगर आयुक्त और कहना है कि यह प्रोसेस बहुत ही सरल और आसान है. पहले नगर निगम के मुख्यालय पर ही प्रोसेस होता था लेकिन, अब लोगों की सहूलियत के लिए इस प्रोसेस को हर जोन ऑफिस में भी करवाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. लोग जाकर यहां पर भी अपने पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
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