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व्यास जी तहखाना : डीएम के सुपुर्द करने की याचिका पर सुनवाई पूरी, 18 नवंबर को सुनाया जाएगा आदेश - वाराणसी ज्ञानवापी विवाद

वाराणसी में आज जिला कोर्ट (Varanasi District Court) ने व्यास जी तहखाने (Vyas ji Tehkhana) की जिम्मेदारी डीएम को देने के संबंध में दोनों पक्षों को सुना. इस प्रकरण में कोर्ट अब 18 नवंबर को अपना आदेश सुनाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2023, 6:26 PM IST

व्यास जी तहखाने मामले में याचिका पर सुनवाई पूरी

वाराणसी: व्यास जी के तहखाने की जिम्मेदारी डीएम वाराणसी को सौंपे जाने के संदर्भ में बुधवार को जिला कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. मामले में व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक की तरफ से वकील विष्णु शंकर जैन और अन्य ने स्पष्ट किया कि आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और अब 18 नवंबर को इस प्रकरण में अपना आदेश सुनाएगा.

दरअसल, ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में कब्जे की आशंका को लेकर उनके नाती शैलेंद्र कुमार पाठक ने 25 सितंबर को एक वाद दाखिल किया था. इसमें कहा गया था कि व्यास जी का तहखाना वर्षों से व्यास जी के परिवार के कब्जे में था. वर्ष 1993 के पूर्व पूजा-पाठ, राग-भोग इत्यादि होता चला आ रहा था. इसके बाद इस तहखाने को प्रदेश सरकार के आदेश पर घेर लिया गया और बैरिकेडिंग कर दी गई.

शैलेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि उन लोगों को पूजा-पाठ से वंचित करते हुए नंदी जी के सामने के दरवाजे को खोले रखा गया. लेकिन, उनके परिवार के लोगों को अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता है. इसकी वजह से उनके परिवार के लोगों को यह डर सता रहा है कि उनके कब्जे में रहने वाला यह तहखाना भी अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी अपने कब्जे में ले लेगी. इसके संदर्भ में वादी ने एक वाद लोअर कोर्ट में दाखिल किया था. इस पर सुनवाई प्रक्रिया के तहत इस मामले को जिला जज न्यायालय में पिछले दिनों स्थानांतरित किया गया है. इस पर जिला जज ने आज सुनवाई पूरी कर ली है.

इस मामले में वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि इस संदर्भ में मुस्लिम पक्ष ने अपना विरोध दर्ज करवाया है. लिखित तौर पर कहा है कि हमारा कब्जा पूरे परिसर में है और जब हम नमाज के दौरान वहां एक पेन या पिन भी नहीं ले जा सकते तो ऐसे में हम कब्जा कैसे कर सकते हैं. यदि उनका कब्जा उस पर है तो उन्हीं का रहेगा. विष्णु शंकर जैन का कहना है कि वहां दरवाजा और खिड़की टूट चुकी है और वह स्थान पूरा खुला हुआ है. इसलिए वादी पक्ष के शैलेंद्र पाठक को यह अंदेशा है कि उस पर मस्जिद कमेटी कब्जा कर सकती है. इसलिए जिलाधिकारी के सुपुर्द तहखाने को करने की मांग की गई है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को आज सुन लिया है. 18 नवंबर को कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा.

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