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निकाय चुनाव प्रत्याशियों के लिए G20 समिट बनी परेशानी का सबब, नगर निगम ने जारी किया ये फरमान - वाराणसी नगर निगम

वाराणसी में नगर निकाय चुनाव का मतदान पहले चरण में होगा. प्रत्याशियों ने इसके लिए अपने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है. लेकिन शहर में होंने वाली जी20 समिट प्रत्याशियों के लिए आर्थिक और मानसिक परेशानी का कारण बन गयी है.

Varanasi G20 summit
Varanasi G20 summit

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Published : Apr 12, 2023, 10:54 AM IST

नगर निकाय चुनाव के प्रत्याशियों ने जी20 सम्मेलनस से हो रहे परेशान

वाराणसी: नगर निकाय चुनाव की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. 4 मई को पहले चरण का मतदान होने वाला है. पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी निकाय चुनाव के लिए पहले चरण में ही मतदान होना है. सभी राजनीतिक दलों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं, 11 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया की शुरुआत भी हो चुकी है. जो 17 अप्रैल तक चलेगी. इसमें बड़ी संख्या में पार्षद के चुनाव के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन पर्चे भी खरीदे हैं. वहींं, मेयर पद के लिए भी पहले दिन 4 पर्चे खरीदे गए.

नगर निकाय चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही सभी प्रत्याशियों ने जोर-शोर से अपना प्रचार भी शुरू कर दिया है. इसके लिए जमकर पैसे भी खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन इस बीच जी20 सम्मेलन की वजह से प्रत्याशियों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशानी झेलनी पड़ी रही है.

दरअसल वाराणसी में 17 से 19 अप्रैल और इसके बाद जून और फिर अगस्त के महीने में जी-20 सम्मेलन की बैठके होनी है. जी-20 सम्मेलन की बैठकों में जी-20 देशों के डेलीगेट्स पदाधरने वाले हैं. इनमें सदस्य देशों के मंत्री, अधिकारी और प्रतिनिधि शमिल होंगे. बड़ी संख्या में आने वाले विदेशी मेहमानों को साफ-सुथरा बनारस दिखाने के लिए वाराणसी नगर निगम की तरफ से की गई है. लेकिन इस दौरान निकाय चुनाव के प्रत्याशी जो अपने प्रचार के लिए बैनर पोस्टर लगा रहे हैं. उन्हें नगर निगम हटा दे रहा है. इससे प्रत्याशियों को आर्थिक नुक्सान भी झेलने पड़ रहा है साथ ही समस्या यह भी हैं अगर यही हाल रहा तो लोग उन्हें जानेंगे कैसे?

इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि शहर में अवैध रूप से लगाए जाने वाले होर्डिंग और बैनर किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. इसलिए अभियान चलाकर इन को हटाने की तैयारी की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरे शहर की दीवारों को पेंटिंग के जरिए सुंदर बनाया जा रहा है और अगर उस पर कोई पोस्टर लगाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. इससे शहर की सुंदरता खराब होती है. उन्होंने कहा कि नगर निगम सिर्फ अपना काम कर रहा है और जी-20 सम्मेलन में शहर बेहतर तरीके से प्रस्तुत हो सके, इसकी प्लानिंग करके शहर को होर्डिंग और बैनर फ्री किया जा रहा है. इसमें गलियों से लेकर सड़कें सभी को शामिल किया गया है.

वहीं, नगर निगम के इस अभियान की वजह से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के सामने बड़ा संकट है. इन प्रत्याशियों का कहना है कि 3 लाख की सीमा चुनाव आयोग की तरफ से पार्षद प्रत्याशी को दी गई है. जो वो चुनाव में खर्च कर सकते हैं. उस खर्च में 1 होली बैनर और पोस्टर लगाकर यदि अपना चेहरा अपने प्रत्याशियों तक नहीं दिखा पाएगा, तो आखिर लोगों को यह कैसे पता चलेगा कि उनके वार्ड में कौन-कौन प्रत्याशी चुनावी मैदान में है और वोट देते समय वह किस को याद रखेंगे? ऐसी स्थिति में निकाय चुनावों से पहले प्रत्याशियों के लिए इस स्थिति को साफ करना चाहिए.

प्रत्याशियों में कहना है अगर स्थिति साफ नहीं होती, तो चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की जाएगी. क्योंकि हमारा प्रचार-प्रसार प्रभावित हो रहा है. कब तक हम फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए लोगों से कनेक्ट होंगे क्योंकि हर वार्ड में प्रत्येक व्यक्ति सोशल मीडिया से नहीं जुड़ा है. वोटर तक पहुंचने का पुराना जरिया ही चलता है. घर-घर जाकर मिलने के साथ ही होर्डिंग-बैनर के जरिए लोगों तक पहुंचने का प्रयास होता हैं. इसलिए नगर निगम को ऐसे मामले में छूट देनी चाहिए.

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