वाराणसी: फास्ट ट्रैक कोर्ट ने विवाहिता को जलाकर मारने के 9 साल पुराने मामले में पति और सास-ससुर को दोषी पाया है. न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरी की कोर्ट ने नगवां निवासी पति मनोज गुप्ता को 10 साल की कठोर कैद और 41 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. वहीं, सास आशा देवी और ससुर दाता उर्फ दयाराम गुप्ता को 7-7 साल की कठोर कैद और 41-41 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.
एडीजीसी बिंदु सिंह के अनुसार, झारखंड की न्यू कॉलोनी छोटा नामडीह, चाईबासा निवासी रामबाबू साव ने लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. रामबाबू ने पुलिस को बताया था कि उनके पुत्री बीनू की शादी 5 फरवरी 2005 को लंका थाना के नगवां निवासी मनोज गुप्ता के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही पति मनोज गुप्ता, सास आशा देवी, ससुर दाता उर्फ दयाराम गुप्ता दहेज में दो लाख रुपये की मांग को लेकर आए दिन बीनू को मारते-पीटते और प्रताड़ित करते रहते थे. पुत्री की परेशानी को देखकर उन्होंने उसके ससुराल वालों को 35 हजार रुपए दिए थे. इसके बावजूद ससुराल वालों की प्रताड़ना कम नहीं हुई.