वाराणसी:राजेश जायसवाल नाम के युवक ने सरकार की आर्थिक योजना का लाभ उठाते हुए हस्तनिर्मित रेडीमेड कपड़ों की फैक्ट्री लगाकर आज बड़ा व्यवसाय खड़ा कर दिया है. करीब एक साल पहले शुरू किया गया व्यवसाय अब परवान चढ़ने लगा हैं. नवउद्यमी ने अपने साथ करीब 40 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करा कर बेरोजगारी के मोर्चे पर प्रदेश में एक नया प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है. खास बात यह है कि इनके बनाए कपड़े बाजार के साथ ऑनलाइन (अमेजॉन) प्लेटफार्म पर भी बेचे जा रहे हैं.
लोगों के लिए बने नजीर
लोगों के लिए बने प्रेरणा बने वाराणसी के लंका इलाके में रहने वाले राजेश जायसवाल पांडेपुर इलाके में अपनी रेडिमेड गारमेंट्स की फैक्ट्री का संचालन करते हैं. इन दिनों राजेश सभी युवाओं के लिए एक मिसाल के रूप में सामने आए हैं. क्योंकि उन्होंने कोरोना काल में भी अपने मजबूत हौसले विश्वास से अपने बिजनेस को स्थिर रखा है.
कपड़े ही नहीं बल्कि रोजगार का भी हो रहा सृजन
राजेश ने बताया कि उन्हें ये प्रेरणा उनकी बड़ी मां से मिली है. एमकॉम की पढ़ाई करने के बाद जब उन्होंने स्वरोजगार के बारे में सोचा तो सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में उन्हें पता चला. जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र ने राजेश का प्रोजेक्ट समझा व सराहा साथ ही उनको उद्योग लगाने के लिए पूरा सहयोग किया. उन्होंने बताया कि उनकी फैक्ट्री में सिर्फ कपड़े ही नहीं सिले जा रहे है बल्कि लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी हो रहा है. लगभग 20 पुरुष व 20 महिलाओं के सहयोग से करीब 40 से 50 लाख का टर्न ओवर कर रहे है.
राजेश ने बताया कि उनकी कंपनी मुंबई व अहमदाबाद से कच्चा माल मंगाती है और इन कपड़ों को सिल कर पूरे उत्तर प्रदेश में रेडीमेड कपड़ों की सप्लाई कर रहे हैं. यहीं नही ई-कॉमर्स, ऐमजॉन पर भी इस कंपनी का रेडीमेड गारमेंट्स दिख जाएगा. उन्होंने बताया कि ऐमजॉन से भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. खास तौर पर डिजाइनगर कुर्ते, शर्ट, जैकेट जो ब्रांडेड गारमेंट्स से सस्ते और उनको टक्कर देते हुए दिख रहे है.
फैक्ट्री ने दी रोजी-रोटी
फैक्ट्री में काम करने वाले हुनरमंद कारीगरों ने बताया कि उन जैसे कई लोगों को कोरोना काल में कहीं भटकना नहीं पड़ा. उनकी नौकरी चलती रही. अगर कोरोना काल में कहीं और नौकरी मिलती तो शायद इतनी सुरक्षा नहीं होती. जितनी यहां उन्हें मिली है.