वाराणसीःउत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला जेल के कैदियों को रेशम बुनाई और रंगाई का प्रशिक्षण दिया गया. कैदी जेल में सजा की अवधि पूरी होने करने के बाद अपनी आजीविका को बेहतर बना सकेंगे. इसके लिए 300 कैदियों को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया.
वाराणसी जिला जेल के कैदी तैयार करेंगे रेशम के वस्त्र.
बता दें कि सामाजिक सुधार व जेल के कैदियों के पुनर्वास के लिए सजा की अवधि पूरी होने के बाद उनके उद्यमशीलता को बेहतर करने के लिए सेंट्रल सिल्क बोर्ड द्वारा जिला जेल में कैदियों को प्रशिक्षित किया गया. इसके तहत बाकायदा कैदियों के लिए रेशम बुनाई और रंगाई में कौशल विकास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसके तहत पारंगत हुए कैदियों को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया. यही नहीं इस दौरान कैदियों के द्वारा बेहतर डिजाइन वाली रेशम साड़ियों के उत्पादन के लिए रेशम बोर्ड के जरिए कैदियों की सराहना भी की गई.
जिला जेल के कैदियों को दिया गया प्रमाण पत्र. 300 कैदियों को मिला प्रमाण पत्र इस बारे में सेंट्रल सिल्क बोर्ड के उप सचिव नित्यानंद ने बताया कि कैदियों को प्रोत्साहित करने और उनका उद्यम से जोड़ने के लिए कौशल विकास योजना की शुरुआत की गई है. 300 कैदी इस विधा में पारंगत हुए हैं. यह अलग-अलग बेहतर डिजाइन की रेशम की साड़ियों को तैयार भी कर रहे हैं. उन्होने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प रेशम और जूट के पारंपरिक क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देना है. इसी के तहत सिल्क बोर्ड के जरिए सेंट्रल जेल और वाराणसी जेल में कैदियों के लिए रेशम बनाई और रंगाई के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता रहा है. इससे न सिर्फ कैदियों की आय बढ़ेगी बल्कि वह एक नई विधा में पारंगत भी होंगे और आगे चलकर अपना बेहतर जीविकोपार्जन कर सकेंगे. रेशम बुनाई और रंगाई का प्रशिक्षण दिया गया था.