वाराणसी: कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में आर्थिक समस्या से जूझ रहे लोगों की सहायता के लिए केंद्र सरकार स्वनिधि योजना लेकर आई थी. सोमवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने वाराणसी के मंडलीय सभागार में योजना की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 25 हजार वेंडरों को ऋण वितरण करने का लक्ष्य निर्धारित कर इसको पूर्ण करने का अधिकारियों को निर्देश दिया. पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की रैंकिंग में बनारस को पहला स्थान प्राप्त है.
स्ट्रीट वेंडर्स को स्वनिधि योजना का लाभ देने के लिए कमिश्नर ने दिए ये निर्देश
पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (स्वनिधि योजना) का लाभ देने के लिए वेंडरों से फार्म भरवाए जा रहे हैं. सोमवार को वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जिले के वेंडरों के फार्म की समीक्षा कर उन्हें ऋण उपलब्ध कराएं. दरअसल, सरकार ने वेंडरों को 10 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध कराने का प्रावधान इस योजना के तहत किया है.
कमिश्नर ने स्वनिधि योजना के आवेदनों की 27 अक्टूबर से पूर्व स्वीकृति व ऋण वितरण को अधिक से अधिक कराने के निर्देश दिए. कमिश्नर ने जनपद में कम से कम 25 हजार वेंडरों को ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित कर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि इसके लिए स्वीकृत आवेदन का तत्काल ऋण वितरण करें.
अब तक 24 हजार 115 वेंडरों के ऋण हुए स्वीकृत
कमिश्नर दीपक को अधिकारियों ने बताया कि आदमपुरा क्षेत्र के 2,901 वेंडरों, भेलूपुर क्षेत्र के 6,089 वेंडरों, वरुणापार के 12,187 वेंडरों, काशी विद्यापीठ के 2,568 वेंडरों, रामनगर के 1,625 वेंडरों, गंगापुर के 184 वेंडरों, हरहुआ के 1,835 वेंडरों, चिरईगांव के 2,588 वेंडरों और कोतवाली क्षेत्र के 2,568 वेंडरों के फार्म भरवा जा चुके हैं. इस प्रकार जिले में अब तक 24 हजार 115 वेंडरों के आवेदन के ऋण स्वीकृत हो चुके हैं. वही कुल 45 हजार 228 वेंडर रजिस्टर्ड हैं, जिसमें 44 हजार 897 वेंडरों के आवेदन फॉर्म भरवाए जा चुके हैं. शेष वेंडरों के आवेदन भरवाने के लिए बैंक अपने क्षेत्र के वेंडरों से संपर्क कर उन सभी से आवेदन फॉर्म भरवाए.
स्ट्रीट वेंडरों के लिए है महत्वकांक्षी योजना
स्वनिधि योजना स्ट्रीट वेंडरो के लिए बड़ी महत्वकांक्षी योजना है. इसमें वेंडरों को 10 हजार का ऋण उपलब्धता का प्रावधान बिना किसी गारंटी देय है. कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के फलस्वरुप आर्थिक सहायता से जूझते वेंडरों को अपने व्यवसाय को पूरा सुचारू रूप से चलाने में केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली यह आर्थिक सहायता लोगों के लिए बहुत सहूलियत की है.