वाराणसी:कोरोना महामारी की जंग में डॉक्टर के साथ-साथ पुलिस कर्मियों ने भी बखूबी साथ निभाया. महामारी के दौर में पुलिस का ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया जिसे देखकर लोगों ने प्रेरणा ली. संक्रमण के दौर में लोगों की मदद करते करते स्वयं पुलिसकर्मी भी कोरोना की जद में आ गए और कई मर्तबा उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना भी पड़ा. लेकिन अब पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है. क्योंकि वाराणसी कमिश्नर के द्वारा पुलिस कर्मियों के लिए अस्थाई कोविड वअस्पताल की स्थापना की गई है, जहां पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ वाराणसी कमिश्नरका इलाज होगा. जिससे वह इस महामारी की जंग में खुद को सुरक्षित रखते हुए लोगों की मदद कर सके.
इलाज के लिए अब पुलिस कर्मियों को नहीं होगा भटकना, शुरू हुई नई व्यवस्था
कोरोना महामारी की जंग में डॉक्टर के साथ-साथ पुलिस कर्मियों ने भी बखूबी साथ निभाया. महामारी के दौर में पुलिस का ऐसा मानवीय चेहरा सामने आया जिसे देखकर लोगों ने प्रेरणा ली. संक्रमण के दौर में लोगों की मदद करते करते स्वयं पुलिसकर्मी भी कोरोना की जद में आ गए और कई मर्तबा उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना भी पड़ा. लेकिन अब पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है. क्योंकि वाराणसी कमिश्नर के द्वारा पुलिस कर्मियों के लिए अस्थाई कोविड वअस्पताल की स्थापना की गई है,
कमिश्नर ने बताया कि इस अस्पताल में 45 बेड लगे हुए हैं, जिन में ऑक्सीजन युक्त बेड भी शामिल है. यहां पर कोविड प्रोटोकॉल की सभी सुविधाएं उपलब्ध है. अस्पताल में दवाएं, पौष्टिक भोजन व जांच की सभी व्यवस्थाएं हैं. उन्होंने बताया कि जवानों की अच्छी देखरेख हो इसके लिए चिकित्सक व फार्मासिस्ट समेत सात लोगों के चिकित्सकीय दल कप यहां तैनात किया गया हैं, जिससे पुलिसकर्मियों के इलाज में कोई समस्या न हो.
कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि पूरे जिले में 5034 पुलिसकर्मी है जिनकी सुरक्षा को देखते हुए हम तीसरी लहर की भी तैयारी कर रहे हैं. हालांकि दूसरी लहर में महज 2.02% ही पुलिसकर्मी संक्रमित हुए हैं, जो अब स्वस्थ हो करके अपने ड्यूटी में लगे हुए हैं. वर्तमान में महज 15 पुलिसकर्मी संक्रमित हैं, जोकि होम आइसोलेशन में हैं. लेकिन फिर भी तीसरी लहर में किसी भी सुविधा की कमी न हो, पुलिसकर्मियों को पूरा इलाज मिल सके उसके लिए हम अभी से तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के लिए अस्पताल के साथ-साथ वृहद स्तर पर टीकाकरण अभियान भी चलाया गया, जिसमें मात्र 160 पुलिसकर्मी ही टीका नहीं लगा पाए. जिनमें गर्भवती महिलाएं व धात्री माताएं शामिल है. इसके साथ ही जवानों को सुरक्षित रखने थर्मल स्कैनिंग, एंटीजन टेस्ट, के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराते हैं जिससे वो सुरक्षित रहते हुए लोगो की मदद कर सके.