उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

परिवार नियोजन में छाया और अंतरा बनी महिलाओं की सहेली, सेहत के लिए बेहद लाभदायक - गर्भनिरोधक गोलियां और इंजेक्शन

बाजार में तमाम तरह की गर्भनिरोधक गोलियां और इंजेक्शन उपलब्ध हैं. इनके बेहद बुरे साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं. इन खतरनाक गर्भनिरोधक गोलियों या इंजेक्शन के दुष्प्रभावों से बचने के लिए छाया और अंतरा का इस्तेमाल कर सकते हैं. आइए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी की सलाह जानते हैं.

etv bharat
महिलाओं को गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा लगाते हुए नर्स

By

Published : Jul 8, 2022, 8:53 PM IST

वाराणसी: परिवार में खुशहाली लाने के साथ ही तमाम तरह की शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने में नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की अहम भूमिका है. यही नहीं नए गर्भनिरोधक साधनों में महिलाओं की पहली पसंद बना गर्भनिरोधक इंजेक्शन 'अंतरा' बच्चों के जन्म में अंतर रखने में बेहद कारगर और सुरक्षित है. इसके साथ ही यह गर्भाशय, अंडाशय और स्तन के कैंसर से भी बचाता है. इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी क्या कहते हैं, आइये जानते हैं.

डॉ. चौधरी ने बताया कि बार-बार गर्भपात, अस्पताल के चक्कर लगाने और कमजोरी जैसी दिक्कतों से निजात पाने के लिए परिवार नियोजन के नए साधन अपनाने में ही समझदारी है. इसके लिए वर्तमान में दो नए अस्थायी गर्भनिरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन और छाया गोली उपलब्ध है. दोनों साधन जहां एक ओर दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं तो वहीं इनके इस्तेमाल से एनीमिया और कैंसर से भी बचाव होता है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुसार जनपद में 26,507 छाया गोली और 7085 अंतरा इंजेक्शन के डोज इस्तेमाल कर लोग परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं.

छाया बनी सहेली: डॉ. चौधरी ने बताया कि छाया हारमोन रहित एक गर्भनिरोधक गोली है. यह बाजार में सहेली के नाम से भी उपलब्ध है. इसके उपयोग का कोई दुष्प्रभाव नहीं है. इसीलिए अन्य गर्भनिरोधक गोलियों की तरह उल्टी होना, वजन बढ़ना, सूजन, अधिक रक्तस्राव जैसी समस्याएं इसमें नहीं होती. बच्चों में अंतराल रखने के लिए यह गोली एक बेहतर विकल्प है. उन्होंने बताया कि इसे स्तनपान कराने और न कराने वाली सभी महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं. लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि छाया गोली की शुरुआत करने से पहले महिला को डॉक्टर से जांच कराना आवश्यक है.

छाया गोली कब लें: छाया की पहली गोली की शुरुआत माहवारी के पहले दिन से ही करना चाहिए और पहले तीन महीने तक सप्ताह में दो दिन और तीन माह बाद सप्ताह में सिर्फ एक बार खानी होती है.

कौन कर सकता है उपयोग-

• गर्भवती को छोड़कर 15 से 49 वर्ष की महिलाएं
• कोई भी महिला जिसे बच्चे हों या न हों
• जिन महिलाओं को माला–एन अथवा माला–डी से दुष्प्रभाव हुआ हो इसे चुन सकती हैं
• यह मां के दूध की मात्रा या गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं डालता

अंतरा है बेहद कारगर व सुरक्षित:अंतरा इंजेक्शन प्रत्येक तीन महीने में दिया जाता है. जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली नहीं खा सकतीं वह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं. यह लंबी अवधि तक गर्भधारण से बचाता है और दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में सहायक है. इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है. अंतरा इंजेक्शन हाथ, कमर या कूल्हे में डॉक्टर या प्रशिक्षित नर्स लगाती है. इंजेक्शन लगाए जाने के बाद महिला को उस जगह की मालिश या गरम सेंक नहीं करनी चाहिए.

कौन लगवा सकता है इंजेक्शन-

• किशोरावस्था से लेकर 45 वर्ष की महिला चाहे उन्हे बच्चे हों अथवा नहीं
• जिन्हें हाल ही में गर्भपात हुआ हो
• स्तनपान कराने वाली महिला (प्रसव के छह सप्ताह बाद)
• एचआईवी से संक्रमित महिला चाहे इलाज करा रही हो अथवा नहीं

कब लगवाएं अंतरा-

• प्रसव के छह सप्ताह बाद
• माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर
• गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर

अंतरा से लाभ-

• तीन महीने में सिर्फ एक बार लेने की अवश्यकता होती है
• जो महिलाएं गोली नहीं खा सकतीं, अंतरा लगवा सकती हैं
• इसे बंद करने के पश्चात गर्भधारण में कोई समस्या नहीं होती
• कुछ मामलों में माहवारी के ऐंठन को कम करता है
• पहले से चल रही किसी भी दवा के साथ इसे लिया जा सकता है
• गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाता है
• लाभार्थी की गोपनीयता बनी रहती है.

अंतरा के सामान्य प्रभाव: स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सारिका राय का कहना है कि महिला का शरीर हर महीने गर्भ के विकास के लिए तैयार होता है. इसके लिए एक अंडा निकलता है और गर्भाशय की अंदरूनी सतह मोटी और मुलायम हो जाती है. ज्यादा रक्त का संचार होता है. गर्भधारण न करने पर अंदरूनी सतह टूटकर माहवारी के रूप में शरीर से बाहर आ जाती है. यह प्रक्रिया हर माह दोहराई जाती है. वहीं अंतरा इंजेक्शन के बाद हर माह गर्भाशय तैयार नहीं होता है, कोई अंडा नहीं निकलता और गर्भाशय की परत भी मोटी नहीं हो पाती. इसकी वजह से कुछ समय माहवारी अनियमित होने के साथ बंद भी हो जाती है. इससे यह पता चलता है कि अंतरा सही ढंग से काम कर रही है. यह नुकसानदायक नहीं है और सुरक्षित है. जब महिला पुनः गर्भधारण करना चाहेगी और अंतरा विधि को बंद करेगी तो माहवारी चक्र दोबारा शुरू हो जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details