वाराणसी: एक टीवी चैनल के डिबेट शो में धर्म विशेष के खिलाफ दिए गए विवादित बयान पर बीजेपी ने नेत्री नूपुर शर्मा को पार्टी ने निष्कासित कर दिया, जिसके बाद इसे लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध शुरू हो गया है. लगातार पार्टी के कई नेता इससे गलत बताते हुए नूपुर शर्मा के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं. इन सबके बीच वाराणसी में राष्ट्रीय हिंदू दल के अध्यक्ष और हिंदूवादी नेता रोशन पांडे ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही अपने साथ कई अन्य कार्यकर्ताओं को भी बीजेपी से इस्तीफा दिलवाया है. उनका कहना है कि जब तक बीजेपी नूपुर शर्मा का निष्कासन वापस नहीं लेती, तब तक न वो बीजेपी में जाएंगे और न ही लोगों से बीजेपी को वोट देने की अपील करेंगे. रोशन ने इस मांग के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी भी लिखी है.
रोशन पांडेय ने बताया कि वे नूपुर शर्मा के बयानों का समर्थन करते हैं. उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है. हम नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल जी के साथ है. बीजेपी ने राष्ट्रीय स्तर के इन दोनों नेताओं को निकालकर बहुत गलत फैसला लिया है. इन दोनों को सुरक्षा और सम्मान देने के बजाए मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए पार्टी से निकाल देना बिल्कुल अनुचित है. इस तरह की गलत फैसला लेकर बीजेपी अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. हम इस फैसले से नाराज होकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ इस्तीफा देते हुए विरोध जताते हैं.
जब राष्ट्रीय स्तर के बीजेपी नेता अपनी जान की भीख मांग रहे हैं तो उनके लिए हमारी जान की क्या कीमत होगी? मुझे लगता है कहीं अगला कमलेश तिवारी, नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल न बन जाए. इस देश में हिंदुओं की देवी देवताओं की अश्लील तश्वीर बनाने और हमारे आराध्य भगवान शिव एवं शिवलिंग पर अमर्यादित पोस्ट करने पर कोई धार्मिक भावना आहत नहीं होती है, लेकिन जैसे ही कोई कुरान का हवाला देकर कोई सवाल उठा दे तो देश में दंगे होने लगते हैं और धार्मिक भावना आहत हो जाती है और पार्टी से निकाल दिया जाता है.