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केंद्रीयकृत अक्षय पात्र किचनः दावा 1 लाख का और भर रहा सिर्फ 28 हजार बच्चों का पेट

7 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों वाराणसी में अक्षय पात्र किचन योजना के चलते केंद्रीय कृत किचन का उद्घाटन हुआ था. इस दौरान 100000 बच्चों का पेट भरने की बात कहीं गई थी. ईटीवी भारत की टीम ने इसकी जांच पड़ताल की तो दावे से उलट पाये गये.

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अक्षय पात्र का भोजन

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Published : Aug 4, 2022, 4:00 PM IST

वाराणसी: अपने संसदीय क्षेत्र बनारस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) 8 सालों के अपने कार्यकाल में कई ऐसी सौगात दे चुके हैं, जो शायद राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. बनारस के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की क्वालिटी को लेकर हमेशा से शिकायत थी. इसे दूर करने के लिए अक्षय पात्र केंद्रीकृत किचन का उद्घाटन 7 जुलाई को प्रधानमंत्री ने किया था. इसके उद्घाटन से पहले दावे बहुत किए गए थे. माना जा रहा था कि 100000 स्कूली बच्चों तक पहले फेज में अच्छी क्वालिटी का भोजन पहुंचाया जाएगा. लेकिन क्या 1 महीने पूरे होने के बाद इस किचन से 100000 बच्चों का पेट भर रहा है? इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने के लिए ईटीवी भारत ने अक्षय पात्र का रुख किया.

बीएसए राकेश सिंह और अक्षय राष्ट्रीय अध्यक्षपात्र भरतषभ दास ने दी जानकारी

ईटीवी भारत की टीम यहां के केंद्रीकृत किचन पहुंची और यह जानने की कोशिश की कि प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन के बाद अब इस किचन से आखिर कितने बच्चों का पेट भरना बाकी है. सवाल का जवाब तो मिला लेकिन दावों से बिलकुल उलट. यह किचन सिर्फ बनारस के 8 ब्लॉक में से एक ब्लॉक के 28000 बच्चों तक ही खाना पहुंचा रहा है. हालांकि दावा है कि आने वाले नवंबर के महीने तक 75000 और बच्चों यानी लगभग तीन अन्य ब्लॉक को भी कवर किया जाएगा.

वाराणसी के अर्दली बाजार क्षेत्र में लगभग 3 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किए गए केंद्रीय कृत अक्षय पात्र किचन योजना के बनारस में आने से पहले ही वाराणसी के 8 ब्लॉक के लगभग तीन लाख से ज्यादा बच्चों तक क्वालिटी भोजन पहुंचाने की प्लानिंग शुरू हो गई थी. अधिकारी लगातार इस ओर ध्यान दे रहे हैं. इसी की वजह से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) कई बार इस किचन का निरीक्षण करने भी पहुंचे है. 7 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों जब किचन का उद्घाटन हुआ तब तमाम वीआइपी की मौजूदगी में बच्चों के साथ प्रधानमंत्री ने बातचीत की थी. साथ ही किचन का निरीक्षण भी किया था.


इस किचन को संचालित हुए 1 महीने का वक्त हो चुका है. जांच में पाया गया कि इस केंद्रीयकृत किचन से लगभग 167 स्कूलों के 28000 बच्चों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. जबकि वाराणसी के 8 में से 7 अन्य ब्लॉक के अभी लगभग डेढ़ लाख बच्चे इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.

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बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह का कहना है कि 'पहले फेज में लगभग 28000 बच्चों तक खाना पहुंचाया गया है. शेष 75000 बच्चों तक खाना पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. फर्स्ट फेज में 100000 बच्चों का टारगेट लेकर हम आगे चल रहे थे. लेकिन अभी नया सेटअप होने और कुछ मशीनों के न आने की वजह से पूरी तरह से किचन को संचालित नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से सिर्फ एक ब्लॉक के 28000 बच्चों तक ही खाना पहुंचाया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि, नवंबर तक एक लाख बच्चों तक खाना पहुंचाने का टारगेट पूरा किया जाए.'


वहीं, अक्षय पात्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरत दास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि 'हमारा उद्देश्य बच्चों को अच्छा और क्वालिटी भोजन उपलब्ध कराना है. इस दिशा में हम प्रयास करते हुए देश भर में 62 किचन संचालित कर रहे हैं. बनारस में शुरू हुए किचन से अभी एक ब्लॉक को हम जोड़कर बच्चों को अच्छा भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं. पहले फेज के तहत जल्द ही 75000 बच्चों को और भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा. हमारा टारगेट है कि, हम बनारस के सभी ब्लॉक को और सभी स्कूलों को कवर करके अच्छा भोजन उपलब्ध करवाएं, ताकि बच्चे भी स्वादिष्ट भोजन का लुफ्त उठा सके. फिलहाल प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन होने के बाद अक्षय पात्र 100000 बच्चों तक अच्छा भोजन बनाने की प्लानिंग कर रहा है, लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि यह प्लानिंग धरातल पर सही मायने में कब तक उतरती है.'


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