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यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023 से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिलेगी संजीवनी, विदेशी निवेश से होगा कायाकल्प

यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023 टेक्सटाइल इंडस्ट्री को संजीवनी देगी. कहा जा रहा है कि वाराणसी और आसपास के जिलों में हथकरघा उद्योग को इसके ज़रिए होने वाले विदेशी निवेश से नयी जिंदगी मिलेगी.

UP Investors Summit 2023
यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023

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Published : Dec 2, 2022, 8:45 AM IST

वाराणसी:उत्तर प्रदेश की नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी नए साल में प्रदेश में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखने जा रही है. योगी सरकार उत्तर प्रदेश को ब्रांड यूपी के रूप में विकसित कर रही है. सरकार की ओर से आगामी वर्ष 2023 में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Investors Summit 2023) का आयोजन किया जा रहा है. इसमें वाराणसी के टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 2000 करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य रखा गया है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रदेश के विभिन्न सेक्टर में निवेश के लिए देश-विदेश से निवेशक जुटेंगे, ऐसे में हथकरघा व वस्त्रोद्योग को गति देने के लिए भी बड़े पैमाने पर निवेश की उम्मीदें हैं.

निवेशकों से संपर्क साधने में जुटा है विभाग:हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, वाराणसी परिक्षेत्र के सहायक आयुक्त अरुण कुमार कुरील ने बताया कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Investors Summit 2023) में भाग लेने वाले निवेशकों के सामने विभाग अपनी नीतियों, योजनाओं व कार्यक्रम के बारे में जानकारी देगा। साथ ही उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गार्मेंटिंग पॉलिसी-2022 के समस्त नीतियों, कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार होगा. विभाग की ओर से उद्यमियों, औद्योगिक संगठनों, बैंक और स्टैक होल्डर्स से मिलकर निवेश के लिए प्रेरित करने कार्य किया जा रहा है. हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की ओर से इसके लिए हेल्प लाइन भी खोला है.

अब तक दो सौ करोड़ के निवेश के प्रस्ताव: औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है. सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग ने बताया कि अभी तक दो सौ करोड़ के निवेश का प्रपोजल आ चुका है. वाराणसी को दिए गए 2 हज़ार करोड़ के लक्ष्य में टेक्सटाइल से सम्बंधित सभी उद्योग शामिल होंगे, जिसमें बनारसी साड़ी, कालीन, जूट से निर्मित सामान, रंगाई, छपाई, डिज़ाइनिंग, एम्ब्रॉयडरी फैब्रिक, रेशम उत्पादन, गारमेंट्स, टेक्नोलॉजी आदि होंगे.

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर: बता दें कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश केंद्र बनाने पर फोकस किया जा रहा है. सरकार पुरानी नीतियों में परिवर्तन करके निवेशकों के अनुकूल नई आकर्षक, सुगम, सरल और सुविधाजनक एमएसएमई नीति- 2022, टेक्सटाइल नीति-2022 व इंडस्ट्रियल नीति-2022 की घोषणा पहले ही कर चुकी है. युवाओं व युवतियों को नया रोजगार प्रारम्भ करने के लिए वित्तीय सुविधाएं- हथकरघा पावरलूम की स्थापना, डिज़ाइन और विपणन क्षेत्र में नये रोजगार की अपार सम्भावनाएं होंगी. उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में सरकार की नई औद्योगिक नीति और ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट काफी उपयोगी साबित होने वाला है. (varanasi up news)

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