वाराणसी: जिले के लहरतारा स्थित एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा तीन की छात्रा से दुराचार के मामले में उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने मंगलवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया. वहीं आयोग की सदस्य निर्मला सिंह पटेल और इंजीनियर अशोक यादव को वहां ऑथेंटिक पर्सन न मिलने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी. वहीं आयोग के सदस्य इंजीनियर अशोक यादव का कहना है कि स्कूल के दूसरे तल पर लड़कियों के लिए शौचालय बनाया जा रहा है. लेकिन, वहां कोई भी ऑथेंटिक पर्सन नहीं मिलने के कारण जांच पूरी नहीं हो पायी है.
घटना से जुड़ा पूरा विवरण स्कूल मैनेजमेंट से मिलकर जाना जाएगा. यदि जांच में स्कूल मैनेजमेंट की खामियां नजर आती है तो मैनेजमेंट कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहे. उन्होंने यह भी कहा कि आज मैनेजमेंट की उपस्थिति वहां नहीं मिली, क्योंकि SIT के सामने जांच के संबंध में मैनेजमेंट के लोग गये हुए थे. हमलोग मैनेजमेंट से मिलने दोबारा आएंगे.
वहीं उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की सदस्य निर्मला पटेल के अनुसार बीती 26 नवंबर को लहरतारा स्थित स्कूल में 9 वर्षीय छात्रा के साथ दुराचार का मामला सामने आया था. इसे गंभीरता से लेते हुए बाल कल्याण समिति की वाराणसी की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय और बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह के साथ लहरतारा स्थित स्कूल का निरीक्षण करने गयीं थीं.
राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की सदस्य निर्मला पटेल ने बताया कि निरीक्षण के दौरान एक क्लास टीचर, एकेडमिक हेड और को-ऑर्डिनेटर मिलीं. तीनों लोगों ने उन्हें बताया कि विद्यालय से जुड़े अन्य सभी महत्वपूर्ण लोग दुराचार के मामले में गठित SIT के सामने जांच के लिए गए हैं. इसलिए अन्य बातों की जानकारी किसी को भी देने के लिए मना किया गया है.
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गौरतलब है कि इस घटना के बाद अधिवक्ताओं और समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों की तरफ से लगातार इस मामले में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की जा रही है.
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