वाराणसी : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. आगामी 13 व 14 नवम्बर 2021 को होने वाले अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन के संबंध उन्होंने जानकरी दी. उन्होंने बताया कि पहली बार अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन होने जा रहा है. 14 सितम्बर 1949 को राजभाषा के रूप में जब हिन्दी को चुना गया था, उसी समय मे संघ सरकार का एक दायित्व तय किया गया था कि राजभाषा का प्रगामी प्रयोग हमको बढ़ाना है. इस क्रम में हम अनेक कार्यक्रम करते हैं. इसमें क्षेत्रीय सम्मेलन भी होते हैं. लेकिन ये अखिल भारतीय सम्मेलन आजाद हिंदुस्तान में पहली बार होने जा रहा हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि इसके लिए हमारे प्रधानमंत्री जी ने प्रेरणा भी दी और हमारे गृह मंत्री जी का मार्गदर्शन रहा. वाराणसी को चुनने में भी प्रधानमंत्री जी व गृह मंत्री जी की बड़ी भूमिका थी. एक आध्यत्मिक व शैक्षिक परिपूर्ण रूप में वाराणसी की पहचान पूरे देश और दुनिया में है, इसलिए हमने वाराणसी को चुना. यहां पर एक व्यापक विचार विमर्श का दौर चलने वाला है. 13 और 14 नवम्बर को उद्धघाटन सत्र के बाद हम 8 विषयों पर समानांतर चर्चा करेंगे. उन चर्चाओं के द्वारा न्याय पालिका में कैसी हिंदी की भूमिका हो, काशी का क्या योगदान रहा है. हिंदी के प्रचार प्रसार में, हमारी स्वतंत्रता के आंदोलन में हिंदी की क्या भूमिका रही है. स्वतंत्रता के बाद कैसी भूमिका रही है. इस तरह से सारे विषयों पर हमारे हिंदी के बड़े-बड़े विद्वान आएंगे, उनके बीच में विचार मंथन होगा.
इसके अलावा, बैलेस्टिक रिपोर्ट में आरोपी अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बंदूक से गोली चलने की बात को प्रमाणित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चाहे बैलेस्टिक रिपोर्ट हो या जांच रिपोर्ट, यह सरकार ऐसी सरकार है कि किसी भी चीज में हस्तक्षेप नहीं करती है. एजेंसियां स्वतंत्र हैं जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी. वहीं, नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- जब तक जांच हो रही है, इस तरह के सवालों का कोई औचित्य नहीं है. जांच एजेंसी जांच कर रही है और न्यायालय में मामला है, इसलिए जो भी होगा वह ठीक होगा.