वाराणसी:पीएम मोदी ने बनारस से लेकर हल्दिया तक गंगा के रास्ते को वॉटर-वे बनाने का सपना देखा और उसे 2018 में पूरा भी किया. बनारस के रामनगर में मल्टी मॉडल टर्मिनल पर दो हाईटेक नौकाएं खड़ी हैं, जो बनारस और आसपास के जिलों में गंगा के रास्ते लोगों के आवागमन का सहारा बनेंगे. साथ ही सामानों की ढुलाई कर नया कीर्तिमान रचेंगे.
यह पहली बार होगा, जब बनारस से गाजीपुर, मिर्जापुर और गंगा-गोमती से सटे तमाम जिलों के लिए इस तरह की हाईटेक क्रूज सेवा की शुरुआत हो रही है. माना जा रहा है कि 9 नवंबर को प्रधानमंत्री इन दोनों हाईटेक क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
कई सुविधाओं से लैस है यह नौका. कहलाती हैं रो पैक्स नौकाएं
दरसअल, रोल ऑन रोल ऑफ पैसेंजर शिप (रो-पैक्स) नौकाओं के संचालन को हरी झंडी पहले ही मिल चुकी है. यह जहाजों की एक ऐसी व्यवस्था है, जिस पर वाहन भी चढ़ाए जा सकते हैं. यात्रियों के साथ वाहनों को लोड करके एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के लिए इसका संचालन किया जाता है. इसके लिए किसी भी प्रकार की क्रेन की आवश्यकता नहीं होती है.
यह एक बार में 145 यात्रियों को बैठा कर ले जाने में सक्षम है. वहीं फुली लोडेड ट्रक और दो चार पहिया वाहन खड़े करने की क्षमता के साथ 15 से ज्यादा बड़ी गाड़ियों को लोड करने की क्षमता भी रखती हैं. 13 से 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा में यह हाईटेक नौकाएं चल सकती हैं.
गंगा में जल्द दौड़ेंगी हाईटेक नौकाएं. बनारस आ चुकी हैं दोनों नौकाएं
कोलकाता के रास्ते पटना और पटना से फिर वाराणसी दो क्रूज नौकाएं पहुंच चुकी हैं. इनमें से एक का नाम एमवी विवेकानंद और दूसरे का नाम एमवी मानेक्शा है. इन दोनों हाईटेक नौकाओं को सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य चलाने का निर्णय लिया है. जिला प्रशासन की तरफ से इन दोनों हाईटेक नौकाओं के संचालन की प्लानिंग बनाकर तैयार की गई थी. फिलहाल, अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौते के बाद इनके संचालन को हरी झंडी मिल गई है. अब माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 9 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन नौकाओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.
पर्यटन विभाग करेगा संचालित
इन दोनों नौकाओं के संचालन की पूरी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है. पर्यटन विभाग पीपीपी मोड पर इन जहाजों का संचालन करेगा. यह जहाज संत रविदास घाट से संचालित होंगे और गंगा में चुनार किले और संत रविदास घाट से क्रीसेंट मून के रूप में गंगा और गोमती के संगम के पास जाया करेंगे. यहां पर्यटन के दृष्टि से बनाए गए डॉल्फिन सेंटर पर पर्यटक इसका आनंद भी ले सकेंगे.
पर्यटन को बढ़ावा देने में करेगा सहयोग. पर्यटन को बढ़ावा देना उद्देश्य
दरअसल, वाराणसी में जल परिवहन के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री काफी लंबे वक्त से प्रयासरत हैं. रामनगर में तैयार किए गए गंगा वाटर मार्ग का उद्घाटन बीते दिनों किया जा चुका है और इस योजना को आगे बढ़ाते हुए गंगा नदी में रो-पैक्स नौकाओं का भी संचालन शुरू हो गया. इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना है.