वाराणसी: महादेव की नगरी काशी से उनके आराध्य भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कुछ न कुछ जा ही रहा है. सबसे पहले अयोध्या से काशी के विद्वानों के लिए बुलावा आया, जो पूजन-हवन में अपनी बड़ी भूमिका निभाएंगे. इसके बाद रामलला के लिए जीआई उत्पादों को भेजा जाना शुरू हो गया है. अयोध्या में जीआई उत्पादों की मांग काफी अधिक हो रही है.
लकड़ी से बना राम मंदिर का मॉडल. जनवरी और फरवरी का मिलाकर काशी-अयोध्या के बीच लगभग 2,000 करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है. पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी आदि के ऑर्डर बनारस के कारोबारियों को मिले थे, जिन्हें तैयार कर अयोध्या भेजा जा रहा है. धर्मनगरी काशी में इस समय सबसे ज्यादा खुशी का माहौल है. रामनगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यहां न सिर्फ लोगों में खुशी है. बल्कि व्यापारियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.
राम दरबार की सबसे ज्यादा डिमांड विदेशी सैलानियों में. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यहां के व्यापारियों को कई उत्पादों को तैयार करने का ऑर्डर मिला है. 15 जनवरी से पहले इन्हें तैयार कर अयोध्या भेजना होगा. वाराणसी से जीआई उत्पाद, जिसमें बनारसी वस्त्र, पूजा की थाल और अन्य जीआई उत्पाद शामिल हैं. इसके साथ ही लकड़ी से बने श्रीराम दरबार भी अयोध्या मंगाए जा रहे हैं. कारोबारी बताते हैं कि पहला ऑर्डर पूरा हो चुका है. नए ऑर्डर पर काम किया जा रहा है.
पत्थर के हाथी और अन्य कलाकृतियों की भी काफी डिमांड आई. दो हजार करोड़ के व्यापार का है अनुमान: कारोबारियों का कहना है कि जनवरी और फरवरी माह में काशी-अयोध्या के बीच लगभग 2 हजार करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है. वहीं जीआई उत्पादों के विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत बताते हैं कि, अयोध्या में सबसे अधिक जीआई उत्पाद काशी के बने ही बिक रहे हैं. प्रदेश में सबसे अधिक जीआई उत्पाद वाराणसी में ही हैं. हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम में काशी से बेहतर उत्पाद कहीं और नहीं बनता है. काशी में तैयार पूजा थाल, लोटा, सिंहासन, पीतल के घंटे, हाथ की घंटी, कश, छत्र, चंवर, पूजा डोलची के ऑर्डर मिले थे. ये सभी ऑर्डर पूरे हो चुके हैं. इन्हें अयोध्या भेजा जा रहा है.
राम दरबार के सबसे ज्यादा डिमांड. 50 लाख से अधिक के ऑर्डर मेटल क्राफ्ट के मिले: काशी के अलग-अलग उत्पादों के लिए अयोध्या से ऑर्डर मिले हैं. इसमें मेटल क्राफ्ट के उत्पाद भी शामिल हैं. कारोबारी बताते हैं कि, मेटल क्राफ्ट में ही 50 लाख से अधिक के ऑर्डर मिले हैं. काशी के उत्पादों के सबसे अधिक ऑर्डर अयोध्या से मिल रहे हैं. वहीं लकड़ी के खिलौनों के कारोबारी बताते हैं कि, लकड़ी के राम दरबार के सवा लाख ऑर्डर पूरे किए जा चुके हैं. अभी एक लाख ऑर्डर और मिले हैं. पहले वाराणसी से ही अयोध्या में वस्त्र, आभूषण और बर्तन आदि भेजे जाते थे. लकड़ी का श्रीराम दरबार, बनारसी दुपट्टा, रामनामी, स्टोन क्राफ्ट, जाली वर्क, जरदोजी, वॉल हैंगिंग सहित कई उत्पाद भारी मात्रा में वाराणसी से अयोध्या में मंगाए जा रहे हैं.
बनारस के कारीगर अयोध्या से मिले ऑर्डर को पूरा करने में जुटे. 9 इंच से 2 फुट तक का बनाया गया राम दरबार: कारोबारी बताते हैं कि अयोध्या से मिले राम दरबार के ऑर्डर तैयार किए जा रहे हैं. यह लकड़ी से तैयार किया गया है, जिसमें प्रिंटिंग भी होती है. ये मॉडल साइज के हिसाब से लगभग 9 इंच से लेकर 2 फुट तक बने हुए हैं. इसे बनारस के कारीगर मिलकर बना रहे हैं. इसे भी मोमेंटो की तरह ही वीपीआईपी या किसी स्पेशल गेस्ट को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के दौरान दिया जाएगा. बता दें कि बनारस से कारोबारियों को मिले रामदरबार और राम मंदिर मॉडल के ऑर्डर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आए अतिथियों को भेंट के रूप में दिए जाएंगे. इन ऑर्डर से कारोबारियों की आय काफी अच्छी हुई है.
बनारस में तैयार हो रहे विशेष कलश. अयोध्या के आयोजन ने बढ़ाया कारोबार: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले वाराणसी में कारोबारियों के घर भी खुशी के दीए जल रहे हैं. अयोध्या में कार्यक्रम होने से पहले अयोध्या से इतनी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिले हैं. वहीं ट्रस्ट की तरफ से भी ऑर्डर आए हैं. कारोबारी कहते हैं कि अयोध्या में राममंदिर के शिलान्यास ले लेकर अभी तक राम दरबार और राम मंदिर के लकड़ी के मॉडल की डिमांड खूब रही है. इससे हमारे कारोबार को भी अच्छा खासा लाभ पहुंचा है. इससे पहले हम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मॉडल को तैयार कर रहे थे. देश-विदेश में भी राम मंदिर के मॉडल की डिमांड काफी रही है. अयोध्या के आयोजन ने कारोबार को और बढ़ा दिया है.
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