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वाराणसी के लोगों ने PM मोदी को दिया 'धोखा', निजी काम में खर्च किया शौचालय का पैसा

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सरकार की तरफ से शौचालय के लिए मिलने वाली धनराशि को लोगों द्वारा अपने निजी कार्य में लगाने का मामला सामने आया है. इस पूरे मामले में अब तक अधिकांश लोगों को चिन्हित किया गया है.

विकास भवन वाराणसी

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Published : Sep 11, 2019, 10:48 AM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वच्छ भारत मिशन' की शुरुआत वाराणसी के अस्सी घाट से की थी. यहां उन्होंने घाट पर जमीन मिट्टी को हटाकर खुद फावड़ा उठाते हुए लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया था, जिसके बाद पूरे देश को खुले में शौच मुक्त करने की भी कवायद शुरू हुई. केंद्र सरकार ने इसके लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में जिन घरों में शौचालय की व्यवस्था नहीं थी, उनको शौचालय के लिए 12 हजार और 8 हजार की धनराशि मुहैया कराने की भी तैयारी शुरू की.

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शौचालय का पैसा निजी कामों में किया खर्च
सरकार की तरफ से शौचालय बनाने के लिए मिलने वाली धनराशि का लाभार्थी द्वारा सही इस्तेमाल न करने और अपने निजी कार्यों में खर्च किए जाने की बड़ी अनियमितता का मामला पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में सामने आया है. इस पूरे प्रकरण की जांच में अब तक 900 लोग शहरी क्षेत्र में और जबकि ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्होंने शौचालय का पैसा हड़प कर लिया, लेकिन शौचालय का निर्माण भी नहीं हुआ.

2 लाख 21 हजार शौचालयों का निर्माण
शहरी क्षेत्र में भी 6,000 लाभार्थियों में से 900 लाभार्थी ऐसे मिले हैं, जिन्होंने शौचालय निर्माण के लिए पैसे तो लिया लेकिन उसे अपने निजी कार्यों में खर्च कर दिया. यह पहली किस्त जारी हुई थी, जिसके बाद जब दूसरी किस्त जारी करने के लिए जांच शुरू हुई तो इतनी बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि 2018 तक वाराणसी में करीब दो लाख 21 हजार शौचालयों का निर्माण कराया गया था. 2 अक्टूबर तक सभी शौचालय बना लेने का दावा भी प्रशासन कर रहा है.

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जांच के लिए 332 नोडल अधिकारी तैनात
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि शौचालय निर्माण की जांच करवाने के लिए प्रशासन की तरफ से 332 नोडल अधिकारियों को तैनात किया गया है. इनमें से दो अधिकारियों ने ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें मेहंदीगंज और राजापुर समेत पिंडरा में शौचालय निर्माण को लेकर लापरवाही या सामने आई है. इसमें अनियमितता बरतने के मामले में ग्राम प्रधान और लाभार्थियों के खिलाफ पंचायती राज अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है. इन सभी को नोटिस भेजा जा चुका है. 3 दिन का समय दिया गया है, वह अपना जवाब दें. वहीं पेंड्रा में संपन्न लोगों का शौचालय बनाए जाने के मामले में भी एक व्यक्ति समेत ग्राम प्रधान को नोटिस जारी किया गया है.

पैसे को अपने निजी कार्यों में किया गया खर्च
मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि यह मामला बेहद गंभीर है. सरकार की तरफ से शहरी क्षेत्र में शौचालय बनाए जाने के लिए आठ हजार रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 12 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. इसमें जब पहली किस्त जारी होती है तो शौचालय का निर्माण शुरू होता है और पूरा होने के बाद दूसरी किस्त का भुगतान होता है, लेकिन जब पहली किस्त जारी हुई और इसके लिए सर्वे शुरू कर दूसरी किस्त देने की बारी आई तो पता चला बहुत से लोगों ने शौचालय का निर्माण करवाया ही नहीं है. उस पैसे को अपने निजी कार्यों में खर्च किया. इसके तहत अब बड़ी सख्त कार्रवाई करने की तैयारी है. ताकि ऐसा आगे न हो.

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