वाराणसी:सावन शिव का प्रिय महीना कहा जाता है. वहीं अगर कोई विशेष तिथि इस महीने में पड़ जाए तो फिर शिव की आराधना का महत्व और बढ़ जाता है. वो तिथि आज यानी मंगलवार को पड़ी है. जिसे महाशिवरात्रि यानी महीने की शिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि फागुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है. जो इस बार शिव के प्रिय सावन के महीने में पड़ी है. शास्त्रों में हर महीने पड़ने वाले शिवरात्रि का भी उतना ही महत्व माना गया है, जितना की महाशिवरात्रि का है.
क्या है महाशिवरात्रि का महत्व
12 माह में 12 शिवरात्रि होती हैं. इनमें एक महाशिवरात्रि और 11 मास शिवरात्रि होती हैं. जहां महाशिवरात्रि शिव विवाह के साथ शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरूप के उत्पत्ति का दिन माना जाता है. वहीं महाशिवरात्रि को भी इस शिवरात्रि के छोटे स्वरूप में हर महीने मनाया जाता है. माना गया है कि शिवरात्रि के दौरान ही विष्णु और ब्रह्मा के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए भोलेनाथ ने ज्योतिर्लिंग का स्वरूप लिया था. इस ज्योतिर्लिंग स्वरूप का पूजन महाशिवरात्रि पर किया जाता है. इसलिए आज के दिन सुबह स्नान के बाद संकल्प लेकर भगवान महादेव का पहले जलाभिषेक करें. फिर बेल पत्र चढ़ाकर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आराधना करें.