वाराणसी:2022 का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे यूपी की राजनीति में भी हर दिन एक नई तस्वीर सामने आ रही है. इसी के तहत एक नया फेरबदल उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों देखने को मिल रहा है, जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने टीएमसी का दामन थाम लिया है और इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी से अपने सारे नाते तोड़ लिए हैं. बता दें कि ललितेशपति त्रिपाठी ने ममता बनर्जी व अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और इसी के साथ कयास लगाए जा रहे हैं कि ललितेश के टीएमसी में शामिल होने के बाद अब यूपी की राजनीति में ममता बनर्जी की एंट्री होने वाली है, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बड़ा फेरबदल ला सकता है.
ललितेश को मिला टीएमसी का साथ
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री पं. कमलापति त्रिपाठी के पोते राजेशपति त्रिपाठी व पूर्व विधायक व उनके पुत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने बीते सोमवार को सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली थी. हालांकि, कुछ दिनों पहले ही ललितेश ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.
ललितेश के टीएमसी में शामिल होते ही कांग्रेस से लगभग 5 पीढ़ियों का नाता उनके परिवार से टूट गया. इस बाबत ललितेशपति ने बताया कि उन्हें अब नेतृत्व करने का एक नया अवसर मिला है, जिससे निश्चित तौर पर वे एक नई राह तलाशएगें और पार्टी को सूबे में मजबूत बनाएंगे.
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ममता जल्द कर सकती हैं काशी में चुनावी शंखनाद
सूत्रों की माने तो ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि 28 अक्टूबर को अपने गोवा दौरे के बाद ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी दस्तक दे सकती हैं, जहां वे पार्टी को मजबूत करने की रणनीति बनाएगी. साथ ही बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेक कर चुनावी शंखनाद भी कर सकती हैं.