वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जुलाई को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचने वाले हैं, लेकिन उनके आगमन से पहले खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 2 दिन पहले लखनऊ में पकड़े गए आतंकवादियों के तार अब धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश के कई जिलों से जुड़ने लगे हैं. कानपुर में कुछ महिलाओं से इनके संपर्क सामने आने के बाद अब यूपी के अन्य जिलों को भी संवेदनशील माना जा रहा है, जिसमें पहले से ही पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शामिल है. ऐसे में पीएम मोदी का काशी आना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा चैलेंज साबित होने वाला है.
15 जुलाई को काशी दौरे पर आ रहे पीएम मोदी. इतना ही नहीं पीएम मोदी के आगमन के दौरान महंगाई समेत अन्य कई मुद्दों पर राजनीति और सामाजिक संगठनों के विरोध के डर से भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है . शायद यही वजह है कि पीएम मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी कमर कस ली है. एक तरफ जहां पीएम की सुरक्षा के लिए 8,000 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है तो वहीं एसपीजी की टीम ने 3 दिनों से पूरे शहर को अपने कब्जे में ले रखा है. पीएम मोदी के आगमन से पहले बुधवार को एएसएल यानी एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग का फाइनल रिहर्सल किया गया, जिसमें सिक्योरिटी को क्रॉस चेक करते हुए लूपहोल्स को तत्काल सही करने के निर्देश दिए गए हैं.
पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर लगभग 3:30 बजे तक उन्हें काशी में रहना है. हालांकि पीएम मोदी के कार्यक्रम में आंशिक बदलाव भी किए गए हैं. पहले पीएम को जहां दो बार बीएचयू में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होना था तो वहीं अब सुरक्षा के लिहाज से पीएम मोदी एक बार में ही बीएचयू के दो अलग-अलग कार्यक्रमों को पूरा करेंगे. इसके बाद वह सीधे सड़क मार्ग से नहीं बल्कि हेलीकॉप्टर के जरिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंचेंगे और यहां से सड़क मार्ग से महज 1 किलोमीटर की दूरी तय कर सीधे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर आएंगे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में पीएम मोदी को लगभग 1 घंटे से ज्यादा रहना, इसलिए इस पूरे एरिया को हाई सिक्योरिटी जोन में कन्वर्ट किया जा चुका है.
आसपास की ऊंची इमारतों पर 130 से ज्यादा हाईटेक वेपन से लैस सुरक्षा जवानों को दूरबीन के साथ तैनात किया जा रहा है. इतना ही नहीं पूरे आउटर एरिया की जिम्मेदारी पैरामिलिट्री फोर्सेज को सौंपी गई है. यानी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाहर पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती रहेगी. कहीं कोई चूक न हो इसलिए 5 लेयर सुरक्षा घेरे के पहले लेयर में एसपीजी की टीम खुद मौजूद रहेगी, जबकि दूसरे घेरे में कमांडोज और एटीएस के एक्सपर्ट कमांडोज को तैनात किया जा रहा है. तीसरे लेयर में पैरामिलिट्री फोर्सेज के साथ पीएसी के जवानों की तैनाती होगी, जबकि चौथे और पांचवें लेयर में वाराणसी समेत आसपास के 15 जिलों से आए पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है. इस सारी व्यवस्था की निगरानी के लिए एक तरफ जहां 21 आईपीएस ऑफिसर को पूरे सुरक्षा की कमान सौंपी गई है तो वहीं प्रशासनिक दृष्टि से अलग-अलग 4 जोन में पूरे सुरक्षा घेरे को बांट कर छह से ज्यादा मजिस्ट्रेट को तैनात किया जा चुका है.
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सुरक्षा में कहीं कोई चूक न हो इसलिए बीएचयू से लेकर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के अलावा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर तक सुरक्षा का तगड़ा घेरा बनाया जा रहा है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि एक तरफ जहां आतंकी अलर्ट के बाद वाराणसी को हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया है तो वहीं अब तक मिले खुफिया इनपुट के आधार पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कई अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के द्वारा पीएम मोदी के सामने विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है. इसे लेकर विशेष सतर्कता बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि पीएम मोदी को सड़क मार्ग से कम हवाई मार्ग से ही ज्यादा इधर-उधर ले जाने की तैयारी की गई है. सुरक्षा के लिहाज से 21 आईपीएस की तैनाती की गई है. इसके अतिरिक्त 42 एडिशनल एसपी, 65 डिप्टी एसपी, 12 कंपनी पीएसी, 12 कंपनी सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान, 5,000 से ज्यादा सिपाही, हेड कांस्टेबल, दारोगा व इंस्पेक्टर और 500 से ज्यादा यातायात पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.