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मिशन शक्ति से मिली प्रेरणा, कक्षा 11वीं की छात्रा ने बनाया वूमेन सेफ्टी चिप - महिला सुरक्षा चिप

वाराणसी की छात्राओं ने एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जिससे महिलाएं अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकती हैं. इस डिवाइस के जरिए महिलाएं परिजनों और पुलिस को किसी समस्या की जानकारी दे सकती हैं.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Mar 12, 2021, 1:15 PM IST

वाराणसी: महिलाओं की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए प्रदेश सरकार मिशन शक्ति अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत महिलाओं को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. ऐसे में वाराणसी की रहने वाली कक्षा 11वीं की तीन छात्राओं ने एक अनोखा डिवाइस बनाया है. इस डिवाइस के माध्यम से महिलाएं मुसीबत के समय परिजनों और पुलिस को संदेश भेज सकती हैं. पढ़िए ये खास रिपोर्ट...

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डिवाइस में फीड होते हैं पांच नम्बर

वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 11वीं की छात्राएं वैष्णवी राय, अनन्या सिंह और प्रिशा सिंघानिया सिंह ने मिलकर वूमेन सेफ्टी चिप बनाया है. लड़किया या महिलाएं इस चिप का एक हिस्सा अपने टी-शर्ट या बटन में फिट कर सकती हैं. जबकि दूसरे हिस्से को अपने पॉकिट या पर्स में रख सकती हैं. मुसीबत के समय महिलाएं टी-शर्ट में लगे चिप को दबाएंगी तो इससे दूसरे हिस्से का चिप एक्टिवेट जाएगा.

इसके बाद डिवाइस में फीड नंबरों पर फोन जाने लगेगा. इससे परिजनों और पुलिस को सूचना मिल जाएगी. चिप में साउंड रिकॉर्ड की भी सुविधा है. जिससे आप अपनी बातें रिकॉर्ड कर भेज सकते हैं. डिवाइस से फोन तब तक जाता रहेगा, जब तक फोन रिसीव न हो जाए. ऐसे में ये वूमेन सेफ्टी चिप महिलाओं के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है.

महिला के किसी भी कपड़े पर आसानी से फिट सकता है चिप
आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा वैष्णवी ने बताया कि यह चिप महिलाएं अपने कपड़ों में आसानी से फिट कर सकती हैं. यह चिप आजकल की नारियों के सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन को देखते हुए बनाई गई है.

छात्रा प्रिशू ने बताया कि आज-कल के दौर में सभी बराबर हैं. इस दौर में महिलाएं बहुत तेजी से आगे जा रही हैं, लेकिन कुछ बातें हैं जो उनके लिए रुकावट बन रही हैं. हम लोग चाहते हैं कि महिलाओं को अपने ऊपर कॉन्फिडेंस हो, ताकि घर के बाहर भी वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें और अपने कार्य को बेहतर तरीके से कर सकें.

टेक्नोलॉजी के माध्यम से औरतों को मिलेगी शक्ति

छात्रा प्रिशू ने कहा कि आज तकनीकी का दौर है. महिलाएं अपने घर के बाहर कदम रखकर पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर काम कर सकें, यही उद्देश्य है. छात्राओं ने मिशन शक्ति अभियान से प्रेरणा लेकर इस चिप को तैयार किया है.

वैष्णवी ने बताया कि इस डिवाइस को पूरा करने में अभी दो से तीन माह का और समय लगेगा. डिवाइस को बनाने में शुरुआती समय में 2-3 हजार रुपये लागत आया है. अभी इस पर और काम करके इसे अधिक किफायती बनाने का काम किया जाएगा. उद्देश्य है कि यह डिवाइस हर महिला तक पहुंच सके, ताकि वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें.

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