वाराणसी:सूबे की क्षेत्रीय व राष्ट्रीय पार्टियां अब आधुनिक तैयारियों के साथ चुनावी मैदान में हैं. इसके तहत अब परंपरागत तरीकों से की जाने वाली चुनावी प्रचार जैसे जनसभा, रैलियां व जुलूस की जगह अब सोशल मीडिया एक मात्र प्रचार का जरिया बचा है. इस माध्यम के जरिए ही पार्टियों को जनता तक पहुंच बनाने की इजाजत चुनाव आयोग ने दी है. साथ ही जारी नए गाइडलाइंस में अब सभी पार्टियां व निर्दल प्रत्याशियों को अपनी बातों को वोटर तक पहुंचाने के लिए वर्चुअल संवाद स्थापित करने होंगे. वहीं, इसके लिए पार्टियां बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं पर पूरी तरह से निर्भर हैं. बूथ स्तर के कार्यकर्ता व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर और इंस्टाग्राम के जरिए सियासी पार्टियों के विचारधाराओं को आमजन तक पहुंचाने का काम करेंगे. इससे यह साफ पता चलता है कि जो पार्टी सोशल साइड पर पकड़ मजबूत रखेगी, जीत उसी को हासिल होगी.
उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की घोषणा कर दी गई है. इसके तहत निर्वाचन आयोग ने बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए कुछ पाबंदियां भी लगाई है. इसके तहत सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों के साथ ही निर्दल प्रत्याशियों को वोटर तक पहुंच बनाने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रियता अधिक बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि आयोग ने जनसभा और जुलूस पर पाबंदी लगा दी है. वहीं, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के प्रभारी व कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर वाराणसी के आठों विधानसभा क्षेत्र के हर बूथ पर 10 कार्यकर्ताओं की सक्रिय कमेटी बनाई गई है. जिस बूथ के वोटर होंगे उसी बूथ पर कमेटी बनाई गई है.