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पीएम मोदी गिनाते रहे काशी और देश की उपलब्धियां और BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में तड़पते रहे मरीज - doctors strike in Sir Sunderlal Hospital

बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में तीसरे दिन भी चिकित्सकों की हड़ताल जारी है. जिससे मरीजों की काफी परेशानी हो रही है. हड़ताल के कारण अस्पताल की ओपीडी व्यवस्था चरमरा गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 5:57 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के जूनियर के हड़ताल का तीसरा दिन है. जहां चिकित्सकों की हड़ताल खत्म नहीं हो रही है और मरीजों की परेशानी बढ़ती चली जा रही है. ओपीडी के बाहर लंबी-लंबी लाइनों में मरीज लग रहे हैं, लेकिन डॉक्टर के न होने से वे वापस अपने घर चले जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में बीएचयू के अस्पताल की ओपीडी व्यवस्था चरमरा गई है. मरीज कहीं स्ट्रेचर पर पड़ा है तो कहीं किसी मरीज को बिना इलाज घर भेजा जा रहा है.

हड़ताल पर बैठे डॉक्टर.
प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं. एक तरफ जहां पीएम मोदी के वाराणसी में होने से सारी व्यवस्थाएं चकाचक हो रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर हैं और मरीज स्ट्रेचर पर भगवान की दया के भरोसे हैं. हालात ये हैं कि इस हड़ताल के लगभग दो दिन बीत चुके हैं और आज तीसरा दिन है. ऐसे में न अस्पताल प्रशासन ने कोई एक्शन लिया है और न ही हड़ताली डॉक्टर की मांग पूरी हुई है.ओपीडी के सामने कराह रहे मरीज, बंद है ताला:सर सुंदरलाल अस्पताल के ओपीडी में पहले दिन हड़ताल के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने काम करने से मना कर दिया था और हड़ताल पर बैठ गए थे. इसके बाद दूसरे दिन कुछ और डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया. आज तीसरे दिन ओपीडी में न तो जूनियर डॉक्टर बैठ रहे हैं और न ही सीनियर डॉक्टर्स. ओपीडी के बाहर कुछ मरीज बैठे कराह रहे हैं तो कुछ के चेहरे पर डॉक्टर के इंतजार की परेशानी साफ दिख रही है. वहीं डॉक्टरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है और वे अपनी ओपीडी में ताला बंदकर हड़ताल पर बैठ गए हैं. ऐसे में बीएचयू जैसा अस्पताल अपने मरीजों के साथ बुरा व्यवहार कर रहा है.सीनियर डॉक्टर भी ओपीडी से गायब: शनिवार सुबह मरीजों को दिखाने के लिए देशभर के कई राज्यों से तीमारदार पहुंचे थे. वहां पर कुछ ओपीडी तो सीनियर डॉक्टर मिले. बाकी ओपीडी में ताला बंद रहा. वहीं सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में ओपीडी सहित कई विभागों में सीनियर डॉक्टर के साथ जूनियर डॉक्टर भी गायब रहे. अस्पताल में आए कुछ मरीजों ने पर्चा जमा कर दिया था कि सीनियर डॉक्टर उनसे मिलेंगे, लेकिन घंटों इंतजार के बाद उन्हें बताया गया कि वे भी आज ओपीडी में नहीं बैठेंगे. इसके बाद मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा. अस्पताल में रोजाना करीब 10 हजार से अधिक मरीज आते हैं. ऐसे में बहुत से मरीजों को परेशानी हो रही है.मरीजों को बिना इलाज भेजा जा रहा घर:अस्पताल के बाहर बैठे एक मरीज ने बताया कि उसे तेज बुखार था. अस्पताल में इलाज के लिए आया हुआ था. यहां पर उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया था. कुछ जांच भी कराई गई. इसके बाद डॉक्टर्स ने इलाज करना बंद कर दिया. पूछने पर कहा गया कि अस्पताल में डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही है. किसी और अस्पताल में इलाज करा लीजिए. वहीं, शुक्रवार को भर्ती हुए एक पेशेंट को अस्पताल प्रशासन ने घर जाने के लिए कह दिया. उन्हें वजह बताई गई कि अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी है. इसलिए किसी और अस्पताल में जाकर इलाज करा लें. डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील: बता दें कि बीएचयू के ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी वार्ड में कुछ अज्ञात युवकों ने पांच डॉक्टर्स की पिटाई कर दी थी. इनमें दो महिला डॉक्टर भी थीं. इस घटना के बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी. उनका कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे. वहीं, IMS BHU के निदेशक प्रो. एसके सिंह और अस्पताल के कार्यवाहक एमएस प्रो. अंकुर सिंह ने डॉक्टर्स से काम पर लौटने की अपील की है. उनसे कहा गया है कि रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा जो मांग की गई है. उन पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया है.

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