वाराणसीःवाराणसी में गंगा में डूबने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि भीषण गर्मी और तपिश से राहत पाने के लिए वाराणसी आने वाले सैलानी हों या वाराणसी के लोकल लोग वह गंगा का सहारा ले रहे हैं. गंगा किनारे बैठना और गंगा में डुबकी लगाकर इस भीषण गर्मी से खुद को बचाने की कोशिश लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. कुछ घाट तो ऐसे हैं, जहां आए दिन डूबने की घटनाएं सामने आ रही हैं और कुछ ऐसे घाट हैं जहां पर्यटकों के आने के बाद उनकी मस्ती मजा उनके लिए जानलेवा साबित हो जा रही है. इसे देखकर अब एनडीआरएफ ने तैयार किया है. इस हिटमैप में वाराणसी के तीन प्रमुख घाटों का रखा गया है, जहां पर पर्यटकों का सबसे ज्यादा आना होता है. इसके बाद अब इन घाटों पर विशेष निगरानी की जा रही है.
इस बारे में बारे में 11 एनडीआरएफ इकाई ने विशेष तैयारियां की हैं. 11 एनडीआरएफ के द्वितीय कमान अधिकारी अमित कुमार सिंह का कहना है कि वाराणसी में बीते कुछ दिनों से डूबने की घटनाएं बहुत तेजी से हुई हैं. मई और जून का महीना मिला दिया जाए तो वाराणसी में लगभग 25 से ज्यादा लोग डूबे हैं. इनमें से कुछ को बचाया गया, जबकि कुछ जिंदगी की जंग हार गए लगातार डूबने की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी के बाद वाराणसी आने वाले पर्यटकों को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. इसलिए वाराणसी में एनडीआरएफ ने हिटमैप तैयार किया है. इस हिटमैप में वाराणसी के घाटों के अलावा उसके आसपास के कुछ घाटों की विशेष निगरानी शुरू की गई है.