वाराणसी:काशी में इन दिनों जनता बंदरों के आतंक से त्रस्त है. शहर के अलग-अलग हिस्सों में बंदरों के आतंक ने लोगों का जीना मुहाल (Monkey terror in Varanasi ) कर दिया है. आलम यह है कि बीते 4 महीनों के आंकड़े में अब तक लगभग 600 से ज्यादा लोगों को बंदरों ने कांटा है. यहीं नहीं बंदरों का यह आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, वन विभाग से नगर निगम ने लगभग 3000 बंदरों को पकड़ने की अनुमति मांगी है, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिलने के कारण वन विभाग बंदरों को न पकड़ने का ठीकरा वन विभाग के सर फोड़ रहा है.
इस संबंध में नगर निगम के जिला पशु चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा की एक कंपनी को टेंडर दिया गया है. वाराणसी के अलग-अलग इलाकों के लगभग 200 बंदरों को पकड़ लिया गया है, परंतु लगभग 15 दिनों से अनुमति न मिलने के कारण बंदरों को पकड़ा नहीं जा रहा है, जिसके वजह से मथुरा से आई टीम खाली बैठी हुई है. इनके खाली बैठने का खामियाजा ना सिर्फ जनता उठा रही है बल्कि अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ रहा है.
बनारस में बंदरों का आतंक, अब तक 600 लोगों को बनाया शिकार - Monkey terror in Varanasi
काशी में बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. बीते 4 महीनों में अब तक लगभग 600 से ज्यादा लोगों को बंदरों ने काटा है जबकि हैरानी की बात यह है कि नगर निगम इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.
बंदरों के आतंक से बनारस त्रस्त
वहीं, जिला वन अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि नगर निगम के द्वारा दिए गए प्रस्ताव को लखनऊ मंजूरी के लिए भेजा गया है. अभी मंजूरी नहीं मिली है. शासन स्तर से जब मंजूरी मिलेगी वैसे ही बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. अस्पतालों के आंकड़ों की मानें तो मई माह में 164, जून में 153,जुलाई में 138, अगस्त में 180 लोगों को बंदरों ने काट कर घायल किया हैं.