वाराणसी: सोमवार को गंगा दशहरा का पावन पर्व पूरे देश में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया. हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से इस बार गंगा स्नान पर अधिकांश जगहों पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसकी वजह से लोग मायूस जरूर दिखाई दिए. सोमवार को धर्म नगरी काशी में दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती करने वाली संस्था गंगा सेवा निधि ने प्रतीकात्मक आरती की. इस अवसर पर संस्था द्वारा 501 दीयों को जलाकर मां गंगा को नमन भी किया. 2 माह पहले कोरोना के कारण आरती पर रोक लगा दी गई थी.
मां गंगा की हुई प्रतीकात्मक आरती. सादगी से की गई मां गंगा आरती
इस दौरान कोरोना वारियर्स पुलिसकर्मियों ने मां गंगा का पूजन कर कोरोना को जल्द समाप्त करने की प्रार्थना की. गंगा दशहरे पर हर साल वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 123 रिद्धि-सिद्धि कन्याओं की मौजूदगी में भव्य आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर इसे देखने के लिए लाखों की भीड़ गंगा घाट पर जुटती है, लेकिन कोरोना के कारण आज बड़े ही शांत और खालीपन के साथ सिर्फ परंपरा का निर्वहन किया गया.
जलाये गए 501 दीये
दरअसल, लॉकडाउन में प्रशासन की तरफ से जारी आदेश के बाद गंगा सेवा निधि की तरफ से की जाने वाली नियमित गंगा आरती की भव्यता लगभग 2 महीने से ज्यादा वक्त से एकदम कम हो गई है. यहां एक पुजारी द्वारा नियमित गंगा आरती कराई जा रही है. इस क्रम में गंगा दशहरा के मौके पर एक पुजारी के द्वारा आरती संपन्न की गई. इसके पहले ओम की आकृति, सतिया और दीयों से मां गंगा लिखकर 501 दीपक जलाकर मां गंगा से महामारी कोरोना को जल्द खत्म करने की प्रार्थना की गई. इस मौके पर थाना दशाश्वमेध के इंस्पेक्टर सहित कई अन्य पुलिस कर्मियों ने मां गंगा का पूजन कर आशीर्वाद लिया.