वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी में एक ऐसा घर है जहां पर बेजुबानों को न सिर्फ आसरा मिलता है, बल्कि इनके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हर प्रयास किए जाते हैं. इस प्रयास को करने वाली कोई और नहीं बल्कि इस घर की बेटी स्वाति हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि स्वाति की उम्र तेजी से बढ़ रही है लेकिन उन्होंने न अब तक शादी करने की सोची और न ही अपने जीवन के बारे में सोच रही हैं. घर में स्वाति के साथ उनके माता-पिता के अलावा 20 कुत्ते, 13 बिल्लियां, 2 सांड, एक चील, दो दर्जन से ज्यादा कबूतर और 5 दर्जन से ज्यादा अन्य प्रजाति के पक्षी रहते हैं. सुनकर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन यह सच है. सबसे बड़ी बात यह है कि स्वाति का यह शौक कब उनके जुनून में बदल गया यह उन्हें भी नहीं पता और इस वक्त उनका पूरा घर किसी चिड़ियाघर से कम नहीं लगता.
बेजुबान जानवरों के साथ जबरदस्त कनेक्शन
वाराणसी के सिकरौल इलाके की रहने वाली स्वाति बलानी जानवरों से बेहद प्रेम करती हैं. बेजुबान जानवरों के साथ इनका एक जबरदस्त कनेक्शन देखने को मिलता है. स्वाति बताती हैं कि बचपन से ही उनको बेजुबान जानवरों से बेहद लगाव था. उनका मानना है कि प्रकृति ने इस धरती को इंसान और जानवरों को एक साथ शेयर करने के लिए दिया है, लेकिन कुछ लोग जानवरों को बड़े ही गलत तरीके से ट्रीट करते हैं, जो उन्हें अच्छा नहीं लगता.
बचपन से है जानवरों से लगाव
स्वाति बताती हैं कि जब वह छोटी थी तो अक्सर सड़क से कुत्ते या अन्य जानवर उठाकर घर ले आती थी. उनके माता-पिता ने उन्हें कभी कुछ नहीं कहा, देखते देखते ही यह शौक जुनून में बदल गया और अब दर्जनों की संख्या में उनके पास जानवर-पक्षी हैं.
कोई जानवर नहीं यहां किसी का दुश्मन
सबसे बड़ी बात यह है कि यह जानवर भले ही नेचर वाइस एक दूसरे से नफरत करते हो लेकिन स्वाति के घर में सब एक दूसरे के दोस्त हैं. कुत्तों के साथ बिल्लियां रहती हैं और कुत्ते सांड के साथ रहते हैं. जबकि चील अन्य पक्षियों के साथ घुलमिल कर रहता है. कुल मिलाकर इन पक्षियों का घर में आपसी तालमेल देखकर आपको आश्चर्य भी होगा.
बेजुबानों पर खर्च कर रहीं अपनी सेविंग
एमबीए करने के बाद स्वाति बलानी ने कुछ साल नौकरी भी की, लेकिन नौकरी में जाने की वजह से वह बेजुबान जानवरों का ध्यान नहीं रख पाती थी. घर पर और कोई न होने की वजह से स्वाति ने अपनी नौकरी को छोड़ दी. इसके बाद अपनी सेविंग से इन जानवरों को पालने में खर्च करना शुरू कर दिया. स्वाति का कहना है कि उनका परिवार यह जानवर ही है और अगर उनकी पूरी दौलत भी इनके ऊपर खर्च हो जाए तो उन्हें किसी बात की तकलीफ नहीं होगी.