वाराणसी:राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए हैं. NCERT के इतिहास के सिलेबस से मुगल काल से जुड़े चैप्टर को हटाए जाने को लेकर वाराणसी के संत समाज में खुशी का माहौल है. अखिल भारतीय संत समिति ने सरकार और शिक्षा मंत्रालय ने इस कार्य को स्वागत योग्य बताया है.
NCERT की किताबों से मुगल साम्राज्य का चैप्टर हटाए जाने का स्वामी जितेंद्रानंद ने किया स्वागत - राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद
वाराणसी के संत समाज ने एनसीईआरटी की किताबों से मुगल से जुड़े चैप्टर हटाए जाने पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि बच्चों को दुनिया की विभूतियों के बारे में जानने का हक है. देश में तबाही करने वालों का महिमा मंडन पढ़ाने की जरूरत नहीं है.
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अखिल भारतीय संत समिति भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन करते हैं. स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा कि एनसीआरटी के 12वीं कक्षा की किताब से मुगल साम्राज्य का इतिहास और इसके साथ ही सत्ता में प्रभुत्व वाले कुछ दलों की थ्योरी पढ़ाई जाती थी. यह अच्छा मैसेज नहीं था, जिसको खत्म कर दिया गया है.
स्वामी जितेंद्रानंद ने आगे कहा कि बच्चों को अपने देश के गौरव के बारे में जानने का हक है. लेकिन हम मुगलों और अंग्रेजों के महिमामंडन और एक खानदान के बारे में पढ़ते थे, जिनका आजादी में कमतर योगदान रहा है. बच्चों को देश की सभी विभूतियों के बारे में जानने का हक है, लेकिन यह हक को छीनते हुए किसी एक दल का महिमामंडन किया गया था. जिसे आज सरकार ने उसे समाप्त कर दिया. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने यह बेहतर कार्य किया है. इसलिए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अखिल भारतीय संत समिति स्वागत करती है.