वाराणसी: तीन दिवसीय संस्कृति संसद में देशभर से 1200 से ज्यादा संत वाराणसी पहुंचे हैं. इसमें उत्तराखंड में परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती भी शामिल हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने खुलकर कहा कि सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वालों को समझना चाहिए कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भक्त हैं. श्री राम ने सबको गले लगाया, किसी का गला काटा नहीं. इसलिए हम गला काटने पर नहीं बल्कि गले लगाने पर विश्वास करते हैं. वहीं ज्ञानवापी प्रकरण पर कहा कि न्यायालय के माध्यम से इसका हल निकलेगा. मुझे यकीन है कि ज्ञानवापी में जल्द ही शिव धारा के दर्शन होंगे फव्वारे के नहीं.
सनातन देता है विश्व शांति की गारंटी
स्वामी चिदानंद ने कहा कि देव भक्ति भले अपने-अपने देव की करो, लेकिन देशभक्ति सब लोग मिलकर करो. क्योंकि देश सभी का है. आज इजराइल में क्या हो रहा है. विश्व को युद्ध की नहीं योग की आवश्यकता है. अगर हम लोग जुड़कर मिलकर साथ-साथ नहीं रहेंगे तो पक्का मान लीजिए यहां भी बहुत कुछ घट जाएगा. इसलिए सबको एक संदेश है सनातन का. आतंकवाद समस्या का समाधान नहीं है। समाधान है अध्यात्म, समाधान है शांति. विश्व शांति की गारंटी देने वाला यदि कोई है तो वह सनातन है. सनातन कोई विवाद नहीं पैदा करता, हमेशा संवाद पैदा करता है.
भगवान राम ने सबको गले लगाया
राम मंदिर पर स्वामी चिदानंद ने कहा भगवान श्री राम मर्यादा के अवतार हैं. भगवान श्री राम सेतु बंधु के अवतार हैं. उन्होंने सेतु बांधे हैं. जहां गए वहां सभी को गले लगाया. किसी को मिटाया नहीं. मिटा वही जिसके कर्म वैसे थे. क्योंकि सनातन संस्कृति गला काटने वाली नहीं, गला मिलने वाली संस्कृति है. इसलिए भगवान श्री राम विराजमान हैं. भगवान श्री राम उस मंदिर में विराजमान हो रहे हैं तो पक्का मानिए सनातनियों के लिए इससे बड़ा कोई ऐतिहासिक उत्सव नहीं हो सकता है.